नेपाल ने सीमांत छांगरू गांव में वारनेट कंपनी वाई फाई सेट सेट लगाकर लोगों को संचार सुविधा उपलब्ध करा रहा है।
- फोटो : AMAR UJALA
शालू दताल (संवाद ), धारचूला (पिथौरागढ़)। चीन नेपाल के सीमा के गांवों में केंद्र व राज्य सरकार जहां बमुश्किल सैटेलाइट फोन संचार की व्यवस्था कर पाई है, वहीं नेपाल सरकार दार्चूला छांगरु तिंकर चीन सीमा में पिछले 4 से 5 साल पूर्व ही नमस्ते और स्काई कंपनी का नेटवर्क नेपाल के सीमान्त गांव छांगरु तक पहुंचा चुकी है, जिसका लाभ छांगरु गांव के 70 से ज्यादा परिवार और सरकारी कमर्चारी उठा रहे हैं। साथ ही चीन सीमा के अंतिम गांव तिंकर में भी छांगरु में लगे स्काई कंपनी का सिग्नल भी तिकर गांव तक आने पर उसका लाभ लेते हैं।
सीमांत के इन दोनों गांव के लोग देश विदेश में अपने रिश्तेदारों से बात करते हैं। नेपाल सूत्रों के अनुसार छांगरु गांव के लोगों के माइग्रेशन पर जाने के बाद प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व वाई फाई सुविधा भी शुरू कर दिया है, जिसका लाभ गांव के लोगों के साथ सरकारी कर्मचारियों ने उठाना शुरू कर दिया है।
नेपाल के छांगरु गांव में नमस्ते और स्काई का टॉवर शुरू होने से व्यास घाटी के बुदि, गर्ब्यांग, नपलचु और गुंजी तक सिग्नल आने शुरू हो गए हैं जिससे गांव के लोग नेपाली संचार अपने परिजनों और रिश्तेदारों से बातें करने लगे हैं। सूत्रों से जानकारी मिली है नेपाल सरकार ने जिला दार्चुला मुख्यालय और जिन गांवो मे नेटवर्क की दिक्कत है।
---:::: बॉयो नेट कंपनी के 500 वाईफाई सेट दिए : धारचूला। नेपाल सरकार ने ये सुविधा दो साल तक के लिए निशुःल्क दी है। नेपाल सरकार शीघ्र ही नेपाल चीन के अंतिम गांव तिकंर तक संचार व्यवस्था पहुंचाने जा रही है। नेपाल के लोग बताते है इस वाईफाई सेट से एक कोड नम्बर अपने फोन में डालकर देश-विदेश में अपने परिजनों और मित्रों से निशुल्क वीडियोकॉलिंग और ऑडियो कॉलिंग कर सकते हैं।
---:::: सीमांत के लोगों ने नेपाल की तर्ज पर संचार सुविधा देने की मांग :: धारचूला। सीमांत के लोगों ने व्यास घाटी की तर्ज पर संचार सुविधा देने की मांग की है। व्यास घाटी के कुटी निवासी कुंवर सिंह कुटियाल और गुलाब सिंह कुटियाल का कहना है कि सरकार को नेपाल सी सीख लेते हैं। सीमांत के गांवों में नेपाल की तरह वाईफाई सेट लगाने की मांग की है।
शालू दताल (संवाद ), धारचूला (पिथौरागढ़)। चीन नेपाल के सीमा के गांवों में केंद्र व राज्य सरकार जहां बमुश्किल सैटेलाइट फोन संचार की व्यवस्था कर पाई है, वहीं नेपाल सरकार दार्चूला छांगरु तिंकर चीन सीमा में पिछले 4 से 5 साल पूर्व ही नमस्ते और स्काई कंपनी का नेटवर्क नेपाल के सीमान्त गांव छांगरु तक पहुंचा चुकी है, जिसका लाभ छांगरु गांव के 70 से ज्यादा परिवार और सरकारी कमर्चारी उठा रहे हैं। साथ ही चीन सीमा के अंतिम गांव तिंकर में भी छांगरु में लगे स्काई कंपनी का सिग्नल भी तिकर गांव तक आने पर उसका लाभ लेते हैं।
सीमांत के इन दोनों गांव के लोग देश विदेश में अपने रिश्तेदारों से बात करते हैं। नेपाल सूत्रों के अनुसार छांगरु गांव के लोगों के माइग्रेशन पर जाने के बाद प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व वाई फाई सुविधा भी शुरू कर दिया है, जिसका लाभ गांव के लोगों के साथ सरकारी कर्मचारियों ने उठाना शुरू कर दिया है।
नेपाल के छांगरु गांव में नमस्ते और स्काई का टॉवर शुरू होने से व्यास घाटी के बुदि, गर्ब्यांग, नपलचु और गुंजी तक सिग्नल आने शुरू हो गए हैं जिससे गांव के लोग नेपाली संचार अपने परिजनों और रिश्तेदारों से बातें करने लगे हैं। सूत्रों से जानकारी मिली है नेपाल सरकार ने जिला दार्चुला मुख्यालय और जिन गांवो मे नेटवर्क की दिक्कत है।
---:::: बॉयो नेट कंपनी के 500 वाईफाई सेट दिए : धारचूला। नेपाल सरकार ने ये सुविधा दो साल तक के लिए निशुःल्क दी है। नेपाल सरकार शीघ्र ही नेपाल चीन के अंतिम गांव तिकंर तक संचार व्यवस्था पहुंचाने जा रही है। नेपाल के लोग बताते है इस वाईफाई सेट से एक कोड नम्बर अपने फोन में डालकर देश-विदेश में अपने परिजनों और मित्रों से निशुल्क वीडियोकॉलिंग और ऑडियो कॉलिंग कर सकते हैं।
---:::: सीमांत के लोगों ने नेपाल की तर्ज पर संचार सुविधा देने की मांग :: धारचूला। सीमांत के लोगों ने व्यास घाटी की तर्ज पर संचार सुविधा देने की मांग की है। व्यास घाटी के कुटी निवासी कुंवर सिंह कुटियाल और गुलाब सिंह कुटियाल का कहना है कि सरकार को नेपाल सी सीख लेते हैं। सीमांत के गांवों में नेपाल की तरह वाईफाई सेट लगाने की मांग की है।