हल्द्वानी। रेलवे को अपनी जमीन पर किए गए अतिक्रमण की फिर याद आई है। एक बार फिर बनभूलपुरा में रेलवे लाइन के किनारे बसे 1020 लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। सभी लोगों को 15 दिन में मकान खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में कहा गया है कि आवास खाली नहीं करने पर रेलवे बेदखली की कार्रवाई करेगा।
काशीपुर मंडल के सहायक इंजीनियर भूपेंद्र सिंह धर्मसत्तू के नेतृत्व में रेलवे की टीम सोमवार की दोपहर नोटिस चस्पा करने के लिए हल्द्वानी पहुंची। रेलवे अधिकारियों की सुरक्षा मेें आरपीएफ, जीआरपी और बनभूलपुरा पुलिस टीम लगाई गई थी। रेलवे के अभियंताओं ने रेलवे लाइन के किनारे बसे 1020 लोगों के आवासों पर नोटिस चस्पा किया। भारी सुरक्षा व्यवस्था के चलते किसी ने विरोध दर्ज नहीं कराया।
नोटिस चस्पा करने में सहायक मंडल इंजीनियर के नेतृत्व में रेलवे के सीनियर सेक्सन इंजीनियर केएन पांडे, संजय कुमार और केदार प्रसाद के साथ नायब तहसीलदार हरीश चंद्र, थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक, आरपीएफ निरीक्षक रणदीप कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष अशोक कुमार, नगर निगम के चंदन सिंह सिजवाली मौजूद थे।
तीन हजार से ज्यादा लोगों को मिल चुकी है नोटिस
हल्द्वानी। पूर्व पार्षद शकील सलमानी ने बताया कि रेलवे के राज संपदा अधिकारी की तरफ से आठ जनवरी को बनभूलपुरा के 1581 लोगों को नोटिस दिया गया था। एक अप्रैल को 500 से ज्यादा लोगों को नोटिस मिला था। पहले भी 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। सोमवार को लाइन नंबर 21 और 24 के 1020 लोगों को नोटिस दिया गया है। अभी इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है। नोटिस जारी करना मानसिक रुप से गरीब लोगों का उत्पीड़न करना है।
कोर्ट से कुछ लोगों को मिला है स्थगनादेश
हल्द्वानी। सपा के प्रदेश प्रमुख महासचिव शोएब अहमद ने बताया कि रेलवे के मामले में जिले की अदालत ने कुछ लोगों को स्थगनादेश दिया है। अभी कुछ मुकदमे चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में रेलवे का बार बार नोटिस चस्पा करना उचित नही है।
रेलवे विभाग की नोटिस को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा
हल्द्वानी। बनभूलपुरा में रेलवे विभाग की ओर से बेदखली की नोटिस चस्पा करने पर लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। देर शाम गफूर बस्ती के लोगों ने बैठक कर रेलवे विभाग और जिला प्रशासन की गई कार्रवाई की निंदा की। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बनभूलपुरा पहुंचकर लोगों की बात सुनी। उन्होंने कहा कि एकतरफा कार्रवाई करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि मलिन बस्तियों के सुधार विनियमितीकरण, पुनर्वासन और उससे सबंधित व्यवस्थाओं व अतिक्रमण निषेध नियमावली, 2016 के क्रियान्वयन के लिए क्या किया। 17 अक्टूबर 2018 में अधिसूचना जारी कर सरकार ने वादा किया था कि तीन वर्ष के भीतर मलिन बस्तियों और झुग्गी झोपड़ियों आदि के रूप में हुए अनाधिकृत निर्माण एवं अतिक्रमण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए सभी संभव प्रयास करेगी। भाजपा सरकार ने मलिन बस्ती वासियों के लिए कुछ नही किया। पार्षद लईक कुरैशी ने कहा कि बनभूलपुरा और गफूर बस्ती क्षेत्र की जनता के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस मौके पर सैयद वसीम अली, गुड्डू शैफी, अकबर सलमानी, मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद जाबिर, हाजी अख्तर हुसैन, शाहनवाज मलिक, सगीर अहमद, जमील कुरैशी, शाकिर हुसैन, गुड्डू अंसारी, शाहिद कुरेशी, आबिद अंसारी, मोहम्मद अनस अंसारी आदि मौजूद रहे।
बिना पुनर्वास किसी को उजाड़ नहीं सकते
हल्द्वानी। बनभूलपुरा संघर्ष समिति के संयोजक उवैस राजा का कहना है कि रेलवे के अधिकारी तानाशाही दर्शा रहे हैं। वे नोटिस चस्पा कर बार-बार बनभूलपुरा के लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यह मामला अदालत में विचाराधीन है। बगैर पुनर्वास किए किसी को मकान से उजाड़ा नहीं जा सकता है। रेलवे की इस कार्रवाई का विरोध किया जाएगा।
हल्द्वानी। रेलवे को अपनी जमीन पर किए गए अतिक्रमण की फिर याद आई है। एक बार फिर बनभूलपुरा में रेलवे लाइन के किनारे बसे 1020 लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। सभी लोगों को 15 दिन में मकान खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में कहा गया है कि आवास खाली नहीं करने पर रेलवे बेदखली की कार्रवाई करेगा।
काशीपुर मंडल के सहायक इंजीनियर भूपेंद्र सिंह धर्मसत्तू के नेतृत्व में रेलवे की टीम सोमवार की दोपहर नोटिस चस्पा करने के लिए हल्द्वानी पहुंची। रेलवे अधिकारियों की सुरक्षा मेें आरपीएफ, जीआरपी और बनभूलपुरा पुलिस टीम लगाई गई थी। रेलवे के अभियंताओं ने रेलवे लाइन के किनारे बसे 1020 लोगों के आवासों पर नोटिस चस्पा किया। भारी सुरक्षा व्यवस्था के चलते किसी ने विरोध दर्ज नहीं कराया।
नोटिस चस्पा करने में सहायक मंडल इंजीनियर के नेतृत्व में रेलवे के सीनियर सेक्सन इंजीनियर केएन पांडे, संजय कुमार और केदार प्रसाद के साथ नायब तहसीलदार हरीश चंद्र, थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक, आरपीएफ निरीक्षक रणदीप कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष अशोक कुमार, नगर निगम के चंदन सिंह सिजवाली मौजूद थे।
तीन हजार से ज्यादा लोगों को मिल चुकी है नोटिस
हल्द्वानी। पूर्व पार्षद शकील सलमानी ने बताया कि रेलवे के राज संपदा अधिकारी की तरफ से आठ जनवरी को बनभूलपुरा के 1581 लोगों को नोटिस दिया गया था। एक अप्रैल को 500 से ज्यादा लोगों को नोटिस मिला था। पहले भी 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। सोमवार को लाइन नंबर 21 और 24 के 1020 लोगों को नोटिस दिया गया है। अभी इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है। नोटिस जारी करना मानसिक रुप से गरीब लोगों का उत्पीड़न करना है।
कोर्ट से कुछ लोगों को मिला है स्थगनादेश
हल्द्वानी। सपा के प्रदेश प्रमुख महासचिव शोएब अहमद ने बताया कि रेलवे के मामले में जिले की अदालत ने कुछ लोगों को स्थगनादेश दिया है। अभी कुछ मुकदमे चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में रेलवे का बार बार नोटिस चस्पा करना उचित नही है।
रेलवे विभाग की नोटिस को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा
हल्द्वानी। बनभूलपुरा में रेलवे विभाग की ओर से बेदखली की नोटिस चस्पा करने पर लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। देर शाम गफूर बस्ती के लोगों ने बैठक कर रेलवे विभाग और जिला प्रशासन की गई कार्रवाई की निंदा की। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बनभूलपुरा पहुंचकर लोगों की बात सुनी। उन्होंने कहा कि एकतरफा कार्रवाई करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि मलिन बस्तियों के सुधार विनियमितीकरण, पुनर्वासन और उससे सबंधित व्यवस्थाओं व अतिक्रमण निषेध नियमावली, 2016 के क्रियान्वयन के लिए क्या किया। 17 अक्टूबर 2018 में अधिसूचना जारी कर सरकार ने वादा किया था कि तीन वर्ष के भीतर मलिन बस्तियों और झुग्गी झोपड़ियों आदि के रूप में हुए अनाधिकृत निर्माण एवं अतिक्रमण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए सभी संभव प्रयास करेगी। भाजपा सरकार ने मलिन बस्ती वासियों के लिए कुछ नही किया। पार्षद लईक कुरैशी ने कहा कि बनभूलपुरा और गफूर बस्ती क्षेत्र की जनता के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस मौके पर सैयद वसीम अली, गुड्डू शैफी, अकबर सलमानी, मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद जाबिर, हाजी अख्तर हुसैन, शाहनवाज मलिक, सगीर अहमद, जमील कुरैशी, शाकिर हुसैन, गुड्डू अंसारी, शाहिद कुरेशी, आबिद अंसारी, मोहम्मद अनस अंसारी आदि मौजूद रहे।
बिना पुनर्वास किसी को उजाड़ नहीं सकते
हल्द्वानी। बनभूलपुरा संघर्ष समिति के संयोजक उवैस राजा का कहना है कि रेलवे के अधिकारी तानाशाही दर्शा रहे हैं। वे नोटिस चस्पा कर बार-बार बनभूलपुरा के लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यह मामला अदालत में विचाराधीन है। बगैर पुनर्वास किए किसी को मकान से उजाड़ा नहीं जा सकता है। रेलवे की इस कार्रवाई का विरोध किया जाएगा।