स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Sat, 22 May 2021 05:48 PM IST
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) प्रमुख नरिंदर बत्रा दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए हैं। हॉकी की वैश्विक संस्था एफआईएच की 47वीं कांग्रेस के दौरान बत्रा को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्य बत्रा ने अपने प्रतिद्वंद्वी बेल्जियम हॉकी महासंघ के प्रमुख मार्क कोड्रोन को कड़े मुकाबले में दो वोट से हराया। बत्रा को 63 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 61 मत मिले।
मतदान में 124 सदस्य संघों ने हिस्सा लिया। बत्रा अब 2024 तक एफआईएच अध्यक्ष रहेंगे। बता दें कि बत्रा 2016 में एफआईएच अध्यक्ष बने थे। उन्होंने पिछले साल18 फरवरी को एफआईएच कांग्रेस को लिखे पत्र में फिर से इस पद पर चुनाव लड़ने का खुलासा किया था।
बता दें कि एफआईएच कांग्रेस को पिछले साल अध्यक्ष पद का चुनाव कराना था। मगर कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा, जिससे बत्रा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। बत्रा ने कांग्रेस को लिखे अपने पत्र में कहा था कि उन्होंने वैश्विक रूप से खेल के विकास के लिए वह सबकुछ किया है, जो वह कर सकते थे।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) प्रमुख नरिंदर बत्रा दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए हैं। हॉकी की वैश्विक संस्था एफआईएच की 47वीं कांग्रेस के दौरान बत्रा को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्य बत्रा ने अपने प्रतिद्वंद्वी बेल्जियम हॉकी महासंघ के प्रमुख मार्क कोड्रोन को कड़े मुकाबले में दो वोट से हराया। बत्रा को 63 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 61 मत मिले।
मतदान में 124 सदस्य संघों ने हिस्सा लिया। बत्रा अब 2024 तक एफआईएच अध्यक्ष रहेंगे। बता दें कि बत्रा 2016 में एफआईएच अध्यक्ष बने थे। उन्होंने पिछले साल18 फरवरी को एफआईएच कांग्रेस को लिखे पत्र में फिर से इस पद पर चुनाव लड़ने का खुलासा किया था।
बता दें कि एफआईएच कांग्रेस को पिछले साल अध्यक्ष पद का चुनाव कराना था। मगर कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा, जिससे बत्रा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। बत्रा ने कांग्रेस को लिखे अपने पत्र में कहा था कि उन्होंने वैश्विक रूप से खेल के विकास के लिए वह सबकुछ किया है, जो वह कर सकते थे।