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Sankashti Chaturthi 2020: कार्तिक माह का संकष्टी चतुर्थी व्रत आज है। यह व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेशजी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी के व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी होता है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त व्रत विधि और महत्व।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - सुबह 4 बजकर 24 मिनट पर (4 नवंबर 2020)
चतुर्थी तिथि समाप्त - सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर (5 नवंबर 2020)
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
गणपति महाराज को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी तरह के कार्यों को पूरा करने में जरूर सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा-आराधना करने से समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वे अपने भक्तों की सारी विपदाओं को दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठें और स्नान करें। इसके बाद इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। सकंष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश को स्वच्छ आसन पर विराजित करें।
भगवान गणेश की प्रतिमा के आगे धूप-दीप प्रज्जवलित करें। ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का जाप करें। पूजा के बाद भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत खोलें। अपना व्रत पूरा करने के बाद दान करें।
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को जरूर चढ़ाएं ये चीजें
शास्त्रों में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। गणेश को दूर्वा (घास) बहुत प्रिय है इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन उन्हें दूर्वा जरूर अर्पित करना चाहिए। संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें और उनके समक्ष घी का दीपक जरूर जलाएं। साबूत हल्दी की गांठ गणपति महाराज को चढ़ाने से वर्तमान में चल रही सारी परेशानी दूर हो जाती है।
गणेश मंत्र
भगवान गणेश को विध्नहर्ता माना गया है। बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश के मंत्र ॐ गं गणपतये नम: के प्रतिदिन जाप करने से आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
Sankashti Chaturthi 2020: कार्तिक माह का संकष्टी चतुर्थी व्रत आज है। यह व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेशजी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी के व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी होता है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त व्रत विधि और महत्व।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - सुबह 4 बजकर 24 मिनट पर (4 नवंबर 2020)
चतुर्थी तिथि समाप्त - सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर (5 नवंबर 2020)
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
गणपति महाराज को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी तरह के कार्यों को पूरा करने में जरूर सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा-आराधना करने से समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वे अपने भक्तों की सारी विपदाओं को दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठें और स्नान करें। इसके बाद इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। सकंष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश को स्वच्छ आसन पर विराजित करें।
भगवान गणेश की प्रतिमा के आगे धूप-दीप प्रज्जवलित करें।
ॐ गणेशाय नमः या
ॐ गं गणपते नमः का जाप करें। पूजा के बाद भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत खोलें। अपना व्रत पूरा करने के बाद दान करें।
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को जरूर चढ़ाएं ये चीजें
शास्त्रों में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। गणेश को दूर्वा (घास) बहुत प्रिय है इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन उन्हें दूर्वा जरूर अर्पित करना चाहिए। संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें और उनके समक्ष घी का दीपक जरूर जलाएं। साबूत हल्दी की गांठ गणपति महाराज को चढ़ाने से वर्तमान में चल रही सारी परेशानी दूर हो जाती है।
गणेश मंत्र
भगवान गणेश को विध्नहर्ता माना गया है। बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश के मंत्र ॐ गं गणपतये नम: के प्रतिदिन जाप करने से आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।