Hindi News
›
Rajasthan
›
Ashok Gehlot Not Contest Congress President Election Five Mistakes
{"_id":"63357ce5f7d5df53bb7b9c4f","slug":"ashok-gehlot-not-contest-congress-president-election-five-mistakes","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Rajasthan Political: गांधी परिवार के वफादार गहलोत की पांच गलतियां, अध्यक्ष नहीं बन पाए, CM पद भी खतरे में","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Rajasthan Political: गांधी परिवार के वफादार गहलोत की पांच गलतियां, अध्यक्ष नहीं बन पाए, CM पद भी खतरे में
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: उदित दीक्षित
Updated Thu, 29 Sep 2022 06:12 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
Rajasthan Political: आज यानी गुरुवार दोपहर को अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। गहलोत जब सोनिया गांधी से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज भी थे। जिसमें से एक को माफीनामा बताया जा रहा है। इस पर लिखा हुआ था कि जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं।
Rajasthan Political: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। उनका सीएम पद भी खतरे में है। गहलोत गुट के विधायकों का शक्ति प्रदर्शन और इस्तीफा पॉलिटिक्स से सीएम अशोक गहलोत के सियासी समीकरण बिगड़ गए हैं। अब यह तो साफ हो गया है कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं, वह सीएम रहेंगे या नहीं इस पर भी हाईकमान फैसला कर सकता है।
आज यानी गुरुवार दोपहर को अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। गहलोत जब सोनिया गांधी से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज भी थे। जिसमें से एक को माफीनामा बताया जा रहा है। इस पर लिखा हुआ था कि जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं। सोनिया गांधी से करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात के बाद सीएम ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैंने कांग्रेस में हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक से पहले जो हुआ उससे मैं आहत हूं।
गहलोत की पांच बड़ी गलतियां
20 सितंबर की रात हुई बैठक
21 सितंबर को गहलोत राहुल और सोनिया गांधी से मिलने के लिए जाने वाले थे। इससे पहले 20 सितंबर की रात जयपुर में विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें गहलोत ने कहा, राहुल गांधी से मिलकर उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए आखरी बार मनाने की कोशिश करूंगा, नहीं माने तो जैसा आलाकमान कहेगा वही करूंगा, जरूरत पड़ने पर आपको (विधायकों को) तकलीफ दूंगा। इस पर विधायकों ने कहा, आपको यहीं रहना है तो गहलोत ने भी कहा, मैं अंतिम सांस तक राजस्थान की सेवा करूंगा, कुछ भी बन जाऊं, लेकिन आपसे दूर नहीं जाऊंगा। यानी साफ संकेत थे कि गहलोत राजस्थान छोड़ने को तैयार हैं।
इस बैठक में आलाकमान के सामने रखने के लिए चार मांगें पर सहमति बनाई गई। पहली- राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष बने, दूसरी- गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो सीएम भी रहेंगे, तीसरी- कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव बाद गहलोत इस्तीफा देंगे, नया सीएम गहलोत के विधायकों में से बनेगा। इस बैठक में तय की गईं मांगों से संकेत गया कि गहलोत गुट के विधायक आलाकमान से सीधे टकराना चाहते हैं। इसके बाद भी गहलोत ने इस टकराव को रोकने की कोशिश नहीं की।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।
- फोटो : ANI
अपने गुट के विधायकों को काबू नहीं करना
नए सीएम पद के दावेदारों की चर्चा के बीच गहलोत गुट के विधायक लगातार बयान देते रहे, लेकिन गहलोत ने उन्हें काबू करने की कोशिश नहीं की। रविवार 25 सितंबर की दोपहर दिल्ली से अजय माकन और मलिकार्जुन खड़गे नए सीएम उम्मीदवार को लेकर विधायकों से चर्चा करने जयपुर पहुंचे। इसके बाद गहलोत गुट के विधायक सक्रिय हो गए। विधायकों को शाम पांच बजे मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एकत्रित होने के निर्देश दिए गए। उधर, गहलोत भरतपुर दौरे पर रहे। मीडिया के बैठक की खबरें आने के बाद भी उन्होंने विधायकों को रोकने की कोशिश नहीं की। इससे साफ संकेत गया कि गहलोत के इशारे या उनकी सहमति के बाद ही यह सब हो रहा है।
विधायक दल की बैठक नहीं करवा पाना
25 सितंबर की शाम सात बजे विधायक दल की बैठक होनी थी। इससे पहले गहलोत गुट के विधायक मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे और 2020 में मानेसर जाने वाले विधायकों के खिलाफ खड़े हो गए। विधायक खुले तौर पर मीडिया में पायलट के खिलाफ बयान देते रहे। 92 विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया। उधर, पायलट और उनके समर्थक विधायक समय पर बैठक में पहुंचे, किसी तरह का कोई बयान भी नहीं दिया। बैठक निरस्त होने के बाद गहलोत गुट के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, शांति धारीवाल, महेश जोशी और विधायक संयम लोढ़ा अजय माकन और मलिकार्जुन खड़गे से मिलने गए तो उन्होंने उनकी नहीं सुनी। विधायकों ने गहलोत की मौजूदगी में उनके सामने तीन मांगें भी रख दी। इस पूरी कवायद को गहलोत की नाकामी माना गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।
- फोटो : सोशल मीडिया
कहीं भी जाऊं राजस्थान नहीं छूटेगा बयान
अध्यक्ष पर की दावेदारी के बीच अशोक गहलोत ने कई बार कहा कि वह अंतिम सांस तक राजस्थान की सेवा करेंगे। कुछ भी बन जाएं, लेकिन राजस्थान दूर नहीं जाएंगे। इससे संकेत गया कि गहलोत सीएम पद नहीं छोड़ना चाहते हैं। वह दोनों पदों पर रहना चाहता है, गहलोत का यह बयान भी उन्हें अध्यक्ष पद की दावेदारी से दूर ले गया।
बस से बाहर वाला बयान
विधायक दल की बैठक वाली शाम विधायकों के विरोध के देखते हुए केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत से फोन पर बात की। वेणुगोपाल ने गहलोत से विधायकों को शांत करने के लिए कहा, लेकिन गहलोत ने उनसे कह दिया कि यह मेरे बस की बात नहीं है। इससे माना गया कि गहलोत के इशारे पर ही विधायक यह सब कर रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।