होली पर हुड़दंग तो आम बात है लेकिन इस साल होली से पहले ही हुड़दंग मचा हुआ है और लोग एक दूसरे पूछ रहे हैं कि होली कब है। अगर आप भी इस उलझन में हैं कि होली का त्योहार किस दिन मनाएं 23 मार्च को या 24 को तो अपनी इस उलझन को दूर कर लीजिए और जानिए पंचांग के अनुसार होलिका दहन और होली का त्योहार मनाना किस दिन शुभ है।
होली पर मचा हंगामा, जानिए आखिर कब है होली?
सबसे पहले यह जान लीजिए कि होली पर दुविधा की स्थिति क्यों बनी। दरअसल होलिका दहन प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में भद्रारहित काल में किया जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 22 और 23 मार्च दोनों दिन है। 22 मार्च को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरु हो रही है साथ यह प्रदोष व्यापिनी भी है। इसलिए बहुत से ज्योतिषी कह रहे हैं कि होलिका दहन 22 तारीख को किया जाएगा और धुलंडी या रंग-गुलाल का त्योहार 23 तारीख को मनाया जाएगा।
होली पर मचा हंगामा, जानिए आखिर कब है होली?
लेकिन कई ज्योतिषी धर्मसिंधु, ब्रह्मवैवर्तपुराण का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि 22 मार्च को पूर्णिमा तिथि है लेकिन यह भद्रा व्यप्त भी है। 23 मार्च को पूर्णिमा प्रदोष व्यापिनी नहीं और 3 बजकर 15 मिनट पर खत्म भी हो रही है। लेकिन तीन प्रहर से अधिक समय रहने के कारण इस दिन होलिका दहन करना शास्त्रानुकूल उचित है।
होली पर मचा हंगामा, जानिए आखिर कब है होली?
धर्मसिंधु और में बताया गया है कि यदि पूर्णिमा दोनों दिन प्रदोषव्यापिनी हो तब दूसरे दिन होलिका दहन करना चाहिए क्योंकि पहले दिन भद्रा का दोष रहता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि यदि दूसरे दिन पूर्णिमा सूर्योदय से साढ़े तीन प्रहर तक या उससे भी अधिक समय तक हो और प्रतिपदा बढ़ गई हो तब प्रदोष व्यापिनी प्रतिपदा में ही होलिका दहन किया जाना चाहिए। और इस वर्ष होलिका दहन को लेकर इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। ब्रह्मवैवर्त पुराण और भविष्य पुराण में भी इसी तरह की बात कही गई है।
होली पर मचा हंगामा, जानिए आखिर कब है होली?
ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि दिन के समय होलिका दहन नहीं करना चाहिए इसलिए 23 तारीख को वृद्धिगामिनी प्रतिपदा में संध्या काल में 4 बजकर 55 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक होलिका दहन करना शास्त्रानुकूल उचित रहेगा।