भारत एक ऐसा देश है जहां पर हमेशा से सयुंक्त परिवार को अहमियत दी जाती है। हमारे देश में दादा-दादी, माता पिता, बच्चे यहां तक की चाचा-चाची और ताउ सभी से भरापूरा परिवार होता है। जहां पर छोटों को प्यार और बड़ों को सम्मान दिया जाता है। लेकिन आज के बदलते दौर में हमारे देश में भी ज्यादातर लोग कभी काम की वजह से या फिर कुछ और कारणों से एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं। जिसकी वजह से हमारे बुजुर्गों की अनदेखी होने लगी है। वृद्धावस्था जीवन का एक ऐसा पड़ाव है जो ज्यादातर लोगों की जिंदगी में आता है इसलिए हमें बुजुर्गों को सम्मान और प्यार देना चाहिए। ये हम बुजुर्गों के लिए नहीं बल्कि अपने लिए करते हैं। क्योंकि जब हम कोई कार्य करते हैं तो वही हमारे बच्चे भी हमसे सीखते हैं। इसलिए अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालने के लिए आपको अपने घर के बड़े बुजुर्गों को सम्मान और प्यार देना चाहिए।