राजस्थान का सियासी घमासान अपने चरम पर पहुंच गया है। वरिष्ठ नेतृत्व के निर्देशों पर समाधान निकालने पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल खुद 29 नवंबर को जयपुर जा रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के बहाने वेणुगोपाल की कोशिश अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद का हल निकालने की होगी। देखना दिलचस्प रहेगा कि सितंबर में शुरू हुआ यह नया विवाद क्या एक दिन में खत्म हो जाएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में सचिन पायलट के लिए गद्दार, निकम्मा और नाकारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह तक कह दिया कि पायलट के पास दस विधायकों का समर्थन भी नहीं है, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर कोई स्वीकार नहीं करेगा। इस बयान ने राजस्थान की सियासत को नई चिंगारी दे दी। उसी दिन सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ मध्यप्रदेश में कदम से कदम मिला रहे थे। यात्रा में राहुल के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य बड़े नेता मौजूद थे। मध्यप्रदेश से यात्रा राजस्थान जाने वाली है। उससे पहले मचे इस घमासान ने पार्टी को नीचे से ऊपर तक बांट दिया है। राजस्थान में हर दूसरे दिन किसी न किसी मंत्री का बयान आता है और वह इस विवाद की आग में घी डालने का काम करता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में सचिन पायलट के लिए गद्दार, निकम्मा और नाकारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह तक कह दिया कि पायलट के पास दस विधायकों का समर्थन भी नहीं है, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर कोई स्वीकार नहीं करेगा। इस बयान ने राजस्थान की सियासत को नई चिंगारी दे दी। उसी दिन सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ मध्यप्रदेश में कदम से कदम मिला रहे थे। यात्रा में राहुल के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य बड़े नेता मौजूद थे। मध्यप्रदेश से यात्रा राजस्थान जाने वाली है। उससे पहले मचे इस घमासान ने पार्टी को नीचे से ऊपर तक बांट दिया है। राजस्थान में हर दूसरे दिन किसी न किसी मंत्री का बयान आता है और वह इस विवाद की आग में घी डालने का काम करता है।