गुजरात एटीएस ने सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया। उन्हें शनिवार (25 जून) को मुंबई से हिरासत में लिया गया। तीस्ता की गिरफ्तारी गुजरात दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी के तुरंत बाद हुई।
ऐसे में जानते हैं कि आखिर तीस्ता सीतलवाड़ हैं कौन? गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका क्या कनेक्शन है? साथ ही, तीस्ता पर क्या-क्या आरोप लगे हैं?
पहले जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 24 जून को गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई की। इसमें जाकिया ने दंगे की साजिश के आरोप से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मुक्त करने वाली एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी। कोर्ट ने जाकिया की याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा, 'कुछ लोगों ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने प्रयास किया, जिससे मामला चर्चा में बना रहे। हर उस व्यक्ति की ईमानदारी पर सवाल उठाए गए, जो मामले को उलझाए रखने वाले लोगों के आड़े आ रहा था। न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने वाले लोगों पर उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।'
गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा?
गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू दिया। शाह ने कहा कि अदालत के फैसले ने साबित कर दिया कि तत्कालीन गुजरात सरकार पर लगाए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित थे। जिन लोगों ने भी मोदी पर आरोप लगाए थे, उन्हें भाजपा और मोदी से माफी मांगनी चाहिए। पीएम मोदी ने हमेशा न्यायपालिका में विश्वास रखा।
अब जानिए कौन हैं तीस्ता?
तीस्ता का जन्म 1962 में महाराष्ट्र में हुआ। उनके पिता अतुल सीतलवाड़ वकील थे और दादा एमसी सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे। तीस्ता की पढ़ाई मुंबई यूनिवर्सिटी से ही हुई। तीस्ता ने कानून की पढ़ाई बीच में छोड़कर पत्रकारिता की। बतौर पत्रकार कई अखबारों में काम किया। उस दौरान उनकी मुलाकात पत्रकार जावेद आनंद से हुई और दोनों ने शादी कर ली।
तीस्ता 2002 गुजरात दंगों के बाद ज्यादा एक्टिव हो गईं। कथित तौर पर दंगा पीड़ितों के लिए सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस नामक एनजीओ की शुरुआत की। यही संस्था 2002 के गुजरात दंगों में कथित संलिप्तता के लिए नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग कर रही थी। तीस्ता सीतलवाड़ को 2007 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। साल 2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी मिल चुका है।
गुजरात दंगों से तीस्ता का क्या लेना-देना?
तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने का दावा करती रही हैं। तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात दंगों की पीड़ितों की मदद के नाम पर बड़े पैमाने पर धन जुटाया और धोखाधड़ी की। आरोप है कि दान के माध्यम से जुटाए गए इस फंड का इस्तेमाल निजी सुविधाओं के लिए किया।
साल 2013 में अहमदाबाद स्थित गुलबर्ग सोसायटी के 12 निवासियों ने तीस्ता के खिलाफ जांच की मांग की। सोसायटी के लोगों ने आरोप लगाया कि तीस्ता ने गुलबर्ग सोसाइटी में म्यूजियम बनाने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये जमा किए, लेकिन उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं हुआ। साल 2014 में तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी।