भारत के प्रदूषण संकट को हल करने के लिए 6 जून को शिखर सम्मेलन का एक आयोजन होगा। इस 'मैसिव अर्थ समिट 2018' का आयोजन नोएडा की एक स्टार्टअप कंपनी गो मैसिव कर रही है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के समान "प्रदूषण न्यूनीकरण उद्योग" बनाने के लिए नए विचारों को तलाशा जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनिया के 14 भारतीय शहरों को सबसे ज्यादा प्रदूषित माना गया है। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम उन तमाम कोशिशों को आकार दे सकते हैं जिनसे प्रदूषण संकट को हल करने में मदद मिले। गो मैसिव द्वारा ये कार्यक्रम दिल्ली के ताज राजनयिक एनक्लेव में होगा। यहा आप प्रदूषण संकट पर बोलने वाले प्रतिष्ठित दिग्गजों को देखेंगे।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के प्रिंसिपल वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन मौजूद होंगे। साथ ही डॉ अनिल काकोडकर, पूर्व अध्यक्ष परमाणु ऊर्जा आयोग, सत्य एस त्रिपाठी, यूएनईपी के वरिष्ठ सलाहकार और कई बड़े दिग्गज भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। आपका लोकप्रिय अखबार अमर उजाला इस कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर भी है।
बता दें कि सम्मेलन विद्युत वाहनों, वायु, जैव ईंधन, गतिशीलता, जंगलों और पानी में नवाचारों को प्रदर्शित करेगा। जिसमें 300 से अधिक स्टार्टअप, नीति निर्माताओं, निगमों और निवेशकों की भागीदारी होगी। इस पहल की तैयारी दिल्ली में 13 हफ्तों से चल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर विश्व के प्रदूषित शहरों में सबसे ऊपर है, इसके बाद फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना और नई दिल्ली जैसे शहर आते हैं।
प्रदूषण हमारे जीवनकाल की सबसे बड़ी चुनौती है, ऐसे में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर $15 ट्रिलियन निवेश के अवसर मजबूत हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में अमर उजाला मीडिया पार्टनर तो है ही साथ-साथ यूएनईपी, पेटीएम, एक्सिस बैंक, इंडियन ऑयल जैसी कंपनियों का भी सहयोग है।