रूस और यूक्रेन में जारी जंग (Russia Ukraine War) के बीच, 135 करोड़ देशवासियों को एक ही चिंता सबसे ज्यादा सता रही है वह है युद्ध क्षेत्र से भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी की। परिवारजनों से लेकर केंद्र सरकार तक सभी दिनभर इसी जुगत में हैं किसी भी प्रकार से सभी भारतीयों छात्रों को तनावग्रस्त इलाके से बाहर निकाला जाए। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उच्च स्तरीय आपात बैठक् के बाद भारत सरकार अपने कुछ मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेज रही है, ताकि वहां से छात्रों और नागरिकों की सकुशल वापसी में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
ऑपरेशन गंगा एयरलिफ्ट अभियान
यूक्रेन में करीब 18,095 भारतीय छात्र फंसे (Indian Students Stranded In Ukraine) हुए थे। इनमें से कुछ खुद ही भारत लौट आए हैं, करीब 2000 छात्रों को एअर इंडिया की मदद से ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत एयरलिफ्ट किया जा चुका है। अभी भी करीब 13 हजार छात्रों और नागरिकों को वहां से निकाला जाना है। इनको वापस लाने के लिए भी युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।
अधिकांश छात्र मेडिकल स्टूडेंट
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों में से अधिकांश मेडिकल स्टूडेंट्स हैं। यानी कि वे छात्र जो डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए यूक्रेन चले गए थे। लेकिन यह जानना भी बेहद महत्वपूर्ण है कि हर साल इतनी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन में क्यों जाते हैं? इसका कोई एक कारण नहीं है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख कारण?