एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा और नौकरी में अभूतपूर्व उछाल के कारण भारत जल्द ही 313 अरब अमेरिकी डॉलर का ऑनलाइन शिक्षा बाजार बन जाएगा। "इन्वेस्टिंग फॉर इम्पैक्ट: एजुकेशन, स्किल्स एंड एडटेक" शीर्षक वाली रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है।
यह रिपोर्ट निवेश संबंधी 10 विचारों के बारे में बात करती है जो भारतीयों को अपनी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ शिक्षा के बाद के नए कौशल और प्रशिक्षण की सुविधा, शैक्षणिक और प्रशिक्षण प्रौद्योगिकियों के तरीके में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकते हैं।
यह 21वीं सदी की शिक्षा और नौकरी के बाजार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मानव पूंजी के विकास और निर्माण के लिए आगे बढ़ने की ओर इशारा करता है।
एनजीओ एस्पायर सर्कल ने जारी की है रिपोर्ट
फेलोशिप और अनुसंधान के माध्यम से भारत में सामाजिक नेतृत्व को बढ़ावा देने वाले एनजीओ, एस्पायर सर्कल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है, भले ही वैश्विक संक्रामक महामारी कोविड-19 ने देश में ऑनलाइन शिक्षा और नौकरी अपस्किलिंग में अभूतपूर्व उछाल दिया है, इससे निपटते हुए भारत जल्द ही 313 अरब अमेरिकी डॉलर का ऑनलाइन शिक्षा बाजार बनने वाला है।
ये हैं 10 विचार, जो बदल देंगे भारतीय शिक्षा बाजार
- टेक्नोलॉजी इनेबल्ड एजुकेशन
- ऑनलाइन परीक्षा तैयारी प्लेटफार्मों का समावेशी नेतृत्व
- सामर्थ्यपरक, पूरक और पाठ्येतर शिक्षा
- टीचर्स ट्रेनिंग एंड डेवलेपमेंट
- अफोर्डेबल एजुकेशन लोन प्लेटफॉर्म
- गिग इकोनॉमी और अनबंडल्ड माइक्रोटास्किंग
- अफोर्डेबल स्टूडेंट हाउसिंग
- इनोवेटिव फाइनेंस इन एजुकेशन एंड स्किलिेंग
- रोजगार योग्यता कौशल के लिए माइक्रो और अल्टरनेटिव क्रेडिबिलिटी
- सोशल एंड इमोशनल लर्निंग
15 करोड़ लड़कियां स्कूल बंद होने से प्रभावित हुईं
'एजुकेट गर्ल्स' की संस्थापक सफीना हुसैन ने कहा, "कोविड-19 के दौरान, लगभग 150 मिलियन यानी 15 करोड़ लड़कियां सीधे तौर पर स्कूल बंद होने से प्रभावित हुईं हैं। ग्रामीण भारत में लगभग 90 मिलियन यानी नौ करोड़ लड़कियां बिना किसी महत्वपूर्ण सीखने के अवसर के थीं।"
अगर इन लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित पहुंच प्रदान की जाती है, जो कि किफायती शिक्षा ऋण प्लेटफार्मों, छात्र आवास, पाठ्येतर और पूरक शिक्षा, और सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा में पर्याप्त निवेश द्वारा समर्थित है, जैसा कि इस रिपोर्ट में बताया गया है, यह एक लंबा रास्ता तय करेगा। उस प्रभाव को अनलॉक करने में जिसकी इस समय बहुत आवश्यकता है।
इस दशक में दोगुना हो जाएगा शिक्षा और कौशल बाजार
एस्पायर सर्कल के संस्थापक अमित भाटिया के अनुसार, भारत 21वीं सदी की शिक्षा और कौशल में शीर्ष 10 विचार प्रौद्योगिकी और प्रभाव के चौराहे पर स्थित हैं।
भारत का शिक्षा और कौशल बाजार इस दशक में दोगुना हो जाएगा, 2020 में 180 अरब अमेरिकी डॉलर से 2030 में 313 अरब अमेरिकी डॉलर तक। जो कि 50 लाख वृद्धिशील नौकरियां पैदा करेगा और 42.9 करोड़ शिक्षार्थियों को प्रभावित करेगा।
भाटिया कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि निवेशक, उद्यमी और नीति-निर्माता हमारी शोध-आधारित सिफारिशों के साथ जुड़ेंगे ताकि भारत को वास्तव में अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का अहसास हो सके।