उत्तराखंड के चमोली में मकान टूटने के बाद से भवानी देवी का परिवार पंचायत भवन में रह रहा है। पिछले साल पति के निधन के बाद बेटे ने तपोवन जल विद्युत परियोजना में काम करना शुरू किया तो धीरे-धीरे घर बनाने का काम भी शुरू होने लगा। परिवार भविष्य के सपने देख रहा था कि पंचायत भवन से निकलकर अपने घर में जाएंगे, लेकिन कुदरत को तो कुछ और ही मंजूर था। ऋषिगंगा की आपदा में भवानी देवी का बेटा लापता हो गया। इस आपदा ने परिवार के सपनों के साथ उनकी जिंदगी को भी बिखेर कर रख दिया। सात फरवरी को आई आपदा के बाद से चाईं गांव की भवानी देवी (50) का बड़ा बेटा साजन पंवार लापता है। सात फरवरी से बेटे के लापता होने के बाद से भवानी देवी सदमे में हैं। घर की खुशियां और भविष्य के सपने आंसू बनकर छलक रहे हैं। पहले मकान टूटा, फिर पति गुजर गए और अब बेटे को भी खोने के बाद भवानी देवी पूरी तरह से टूट चुकी हैं। अब उनके साथ 16 वर्षीय बेटा है। जो कुछ कहने की स्थिति में ही नहीं है। पिछले साल भवानी देवी के पति का भी निधन हो गया, जिसके बाद बेटे ने कंपनी में काम करना शुरू किया।