इंडिया में हजारों वाहन रोजाना सड़कों पर उतरते हैं। इनमें से कई वाहनों पर अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट होती हैं। क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि इन प्लेट्स के रंग और नंबर का क्या मतलब होता है। अगर आपको भी नहीं पता है तो इस खबर में हम आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
सफेद नंबर प्लेट
नॉर्मल पेट्रोल और डीजल की प्राइवेट कारों को परिवहन विभाग की ओर से वाइट नंबर प्लेट जारी की जाती हैं जिनपर काले रंग से नंबर लिखे होते हैं। ऐसी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों, बाइक और स्कूटर का उपयोग सिर्फ निजी कामों के लिए किया जाता है।
पीली नंबर प्लेट
पीली नंबर प्लेट के वाहनों को भी सड़कों पर अक्सर देखा जाता है। इस रंग की प्लेट ज्यादातर ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ट्रक, बसों, जेसीबी जैसे वाहनों पर किया जाता है। इसका मतलब ये होता है कि इस नंबर प्लेट वाले वाहनों का उपयोग व्यवसायिक तौर पर होता है। इनका निजी उपयोग नहीं होता और पीली नंबर प्लेट वाले वाहनों को चलाने के लिए ड्राइवर के पास वैध कर्मशियल ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
काली नंबर प्लेट
इस रंग की नंबर प्लेट वाले वाहन कम देखने को मिलते हैं। इनका भी कर्मशियल वाहनों के जैसे ही उपयोग होता है लेकिन ऐसी नंबर प्लेट के वाहन को चलाने के लिए कर्मशियल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। इस तरह की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां ज्यादातर लग्जरी होटल ट्रांसपोर्ट वाले वाहनों पर देखी जाती हैं।
हरी नंबर प्लेट
हरे रंग की नंबर प्लेट का चलन ज्यादा पुराना नहीं है। सरकार की ओर से इस रंग की नंबर प्लेट को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिजर्व रखा जाता है। देश में रजिस्टर्ड सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ हरे रंग की नंबर प्लेट ही लगाई जाती है। निजी और कर्मशियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी हरे रंग की ही नंबर प्लेट लगाई जाती है लेकिन निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की प्लेट पर सफेद रंग के नंबर जारी किये जाते हैं जबकि कर्मशियल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरे रंग की नंबर प्लेट पर पीले रंग के नंबर जारी होते हैं।