शास्त्रों में कहा गया है कि गंगाजी के दर्शन मात्र से मनुष्य को कष्टों से मुक्ति मिलती है और गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। पाठ, यज्ञ, मंत्र, होम और देवार्चन आदि समस्त शुभ कर्मों से भी जीव को वह गति नहीं मिलती जो गंगाजल के सेवन से प्राप्त होती है। माँ गंगा दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों को शमन करने वाली, धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चारों पुरूषार्थों को देने वाली शक्ति स्वरूपा हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां गंगा में नहाने व पूजा आदि करने से कई तरह के पाप कटते हैं। इसका वैज्ञानिक कारण यह भी माना गया है कि गंगा के पानी में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसमें नहाने से कई प्रकार के रोग खत्म हो जाते हैं। इतना ही नहीं गंगाजल के प्रयोग से घर के वास्तुदोष दूर होकर घर में सुख-शांति आती है।