वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को बहुत ही शुभ ग्रह के तौर पर मान्यता प्राप्त है। ज्योतिशास्त्र में शुक्र ग्रह को सभी प्रकार के भौतिक सुख, भोग विलास, ऐश्वर्य, यश प्रसिद्धि, सौन्दर्य, रोमांस और कला-फैशन का कारक माना गया है। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि के स्वामी होते हैं। यह मीन राशि में उच्च राशि के जबकि कन्या राशि में नीच राशि के होते है। बुध और शनि ग्रह इनके मित्र ग्रह की श्रेणी में आते हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा इनके शत्रु ग्रह माने गए। शुक्र का राशि परिवर्तन जातकों के सुख सुविधाओं और संपन्नता पर विशेष रूप से प्रभाव डालते हैं। शुक्र ग्रह एक राशि में करीब 23 दिनों तक रहने के बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं।