ज्योतिष में ग्रहों का गोचर बहुत ही महत्व रखता है। ग्रहों के एक राशि से दूसरी राशि में जानें पर उसका सभी राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। पिछले महीने की तरह इस बार ज्यादा ग्रहों का राशि परिवर्तन नहीं होगा। अक्तूबर महीने में दो ग्रहों का राशि परिवर्तन और दो ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। आइए जानते हैं इस महीने में किन ग्रहों की चाल में बदलाव होने जा रहा है और इसका शुभ और अशुभ प्रभाव कौन सी राशियों पर पड़ेगा।
सूर्य का तुला राशि में गोचर
सूर्य हर महीने अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य 17 अक्तूबर को कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जहां पर ये 16 नवंबर तक इसी राशि में रहेंगे। सभी ग्रहों में सूर्य को ग्रहों के राजा की पदवी प्राप्त है। ज्योतिष में सूर्य को तेज, मान-सम्मान और यश का कारक ग्रह माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में मेष राशि में सूर्य उच्च का और तुला राशि में नीच का माना जाता है। सूर्य के इस राशि में आने से सूर्य से संबंधित चीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
चंद्रमा
चंद्रमा हर ढाई दिनों में अपनी राशि बदलते हैं। चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है।
मंगल ग्रह
मंगल ग्रह 4 अक्तूबर से मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। मीन राशि जल तत्व की राशि है और यह बृहस्पति द्वारा शासित है, बृहस्पति और मंगल आपस में मित्र हैं। मीन राशि अंतर्ज्ञान, भावनाओं और करुणा का प्रतिध्वनित करती है वहीं मंगल ग्रह कार्य, साहस और इच्छा शक्ति को दर्शाता है। जल तत्व की राशि में अग्नि तत्व प्रधान ग्रह मंगल के गोचर से भावनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है। यदि भावनाओं पर नियंत्रण किया गया तो इससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
बुध
नवग्रहों में बुद्धि, वाणी एवं व्यापार के कारक ग्रह बुध 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर वक्री होंगे और 3 नवंबर की रात्रि 11 बजकर 15 मिनट पर पुनः मार्गी होंगे। वक्री-मार्गी अवस्था में भोग करते हुए बुध तुला राशि पर 1 माह 24 दिन तक गोचर करेंगे उसके बाद 28 नवंबर की सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर बृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मिथुन एवं कन्या राशि के स्वामी बुध मीन राशि में नीच राशि के माने गए हैं जबकि कन्या राशि इनके लिए उच्चराशि है।