न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 22 Nov 2021 08:26 AM IST
झारखंड के रांची से एक कैदी के होटवार जेल में ही फांसी लगाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद जेल प्रशासन के होश उड़ गए हैं, अधिकारियों का कहना है कि कैदी अवसाद में था और लंबे समय से बीमार चल रहा था। उधर, मामला सामने आने के बाद जेल प्रबंधन की ओर से खेलगांव थाने में आत्महत्या का मामला दर्ज कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागृह में वीरेंद्र मुंडा नाम के एक कैदी का शव फांसी के फंदे पर झूलता मिला है। कैदी की उम्र करीब 32 वर्ष बताई जा रही है। जेल प्रबंधन ने बताया कि रांची के लापुंग थाना क्षेत्र के रायटोली के रहने वाले वीरेंद्र को पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था, उसे जुलाई में केंद्रीय जेल भेजा गया था, तब से वह यहीं पर था, लेकिन बीच में उसके पिता की मौत होने के बाद से वीरेंद्र अवसाद में रहने लगा था।
15 नवंबर को भेजा गया था अस्पताल
जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने बताया कि वीरेंद्र की 15 नवंबर को तबीयत अचानक से ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे जेल के ही अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, लेकिन शनिवार रात उसने अस्पताल कक्ष में ही फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि वह बहुत ही तनाव में रहता था, इस कारण अक्सर उसका अन्य कैदियों के साथ झगड़ा होता रहता था। उधर, खेलगांव थाना प्रभारी ललन सिंह का कहना है कि जेल प्रशासन की ओर से आत्महत्या का मामला दर्ज कराया गया है, गहन निगरानी में युवक का पोस्टमार्टम कराया गया है।
विस्तार
झारखंड के रांची से एक कैदी के होटवार जेल में ही फांसी लगाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद जेल प्रशासन के होश उड़ गए हैं, अधिकारियों का कहना है कि कैदी अवसाद में था और लंबे समय से बीमार चल रहा था। उधर, मामला सामने आने के बाद जेल प्रबंधन की ओर से खेलगांव थाने में आत्महत्या का मामला दर्ज कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागृह में वीरेंद्र मुंडा नाम के एक कैदी का शव फांसी के फंदे पर झूलता मिला है। कैदी की उम्र करीब 32 वर्ष बताई जा रही है। जेल प्रबंधन ने बताया कि रांची के लापुंग थाना क्षेत्र के रायटोली के रहने वाले वीरेंद्र को पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था, उसे जुलाई में केंद्रीय जेल भेजा गया था, तब से वह यहीं पर था, लेकिन बीच में उसके पिता की मौत होने के बाद से वीरेंद्र अवसाद में रहने लगा था।
15 नवंबर को भेजा गया था अस्पताल
जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने बताया कि वीरेंद्र की 15 नवंबर को तबीयत अचानक से ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे जेल के ही अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, लेकिन शनिवार रात उसने अस्पताल कक्ष में ही फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि वह बहुत ही तनाव में रहता था, इस कारण अक्सर उसका अन्य कैदियों के साथ झगड़ा होता रहता था। उधर, खेलगांव थाना प्रभारी ललन सिंह का कहना है कि जेल प्रशासन की ओर से आत्महत्या का मामला दर्ज कराया गया है, गहन निगरानी में युवक का पोस्टमार्टम कराया गया है।