उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में दिव्यांग पीड़िता को गैंगरेप के बाद अब अस्पताल प्रशासन की मार झेलनी पड़ रही है। अतरसुइया इलाके में आठ दिन पहले गैंगरेप की शिकार हुई पीड़िता को डॉक्टरों ने मेडिकल टेस्ट किए बिना लौटा दिया। डॉक्टरों ने पीड़िता और उसके परिजनों को कहा कि वे इसके लिए मतदान के बाद आए।
उसके साथ एसआरएन अस्पताल में ऐसा बरताव किया गया जहां डिस्चार्ज किए जाने के बाद परिजन लगातार दो दिन से पीड़िता को मेडिकल टेस्ट के लिए डफरिन ले जा रहे हैं। दरअसल, यहां कुछ दिन पहले एक महिला डॉक्टर को पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करने की वजह से झाड़ पड़ी थी। अब परिजनों का कहना है कि महिला डॉक्टर की वजह से उनके साथ डफरिन में ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।
बता दें कि महिला डॉक्टर ने पीड़िता के परिजनों को कथित तौर पर कहा था कि इसे यहां से लेकर जाए नहीं तो फेंक दिया जाएगा। इस व्यवहार के बाद अस्पताल प्रशासन का विरोध किया गया जिसके बाद दबाव बनने के बाद अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को दाखिला दिया था।
करेली इलाके में रहने वाली 13 साल की दिव्यांग बालिका को पिछले मंगलवार को कब्रिस्तान में ले जाकर दो लोगों ने बलात्कार किया था। उनमें एक आरोपी 45 साल का था। रेप से बालिका की हालत खराब हो गई। वह खून से लथपथ हो गई। डफरिन में महिला डॉक्टर ने इलाज की बजाय आनाकानी करते हुए बालिका को बाहर फेंकने की धमकी दी थी।
एसपी सिटी विपिन टाडा ने उसके खिलाफ डीएम को रिपोर्ट दी जिस पर मजिस्ट्रेटी जांच हो रही है। अमर उजाला ने इस प्रकरण को लगातार प्रकाशित किया है। डफरिन की जांच टीम ने भी बेरहम महिला डॉक्टर को बचाने की खातिर जांच में लीपापोती कर दी। एडी हेल्थ ने इस प्रकरण की नए सिरे से जांच शुरू करा दी है।
मंगलवार को एसआरएन अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने पर बालिका को परिजन मेडिकल टेस्ट के लिए डफरिन ले गए तो उन्हें कहा गया कि बुधवार को आना। बुधवार दोपहर बालिका को लेकर मां डफरिन पहुंची तो उन्हें फिर वापस कर दिया गया।
मां ने अमर उजाला को बताया कि अस्पताल में उनसे कहा गया कि सब मतदान ड्यूटी में लगे हैं। दो दिन बाद आना तब जांच होगी। अस्पताल में हुए इस बर्ताव से बालिका की मां बेहद दुखी हैं। उन्हें दिव्यांग बेटी को लेकर जलालत झेलनी पड़ रही है। उनका कहना है कि महिला डॉक्टर की शिकायत की वजह से डफरिन में सभी डॉक्टर और कर्मचारी उन्हें परेशान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में दिव्यांग पीड़िता को गैंगरेप के बाद अब अस्पताल प्रशासन की मार झेलनी पड़ रही है। अतरसुइया इलाके में आठ दिन पहले गैंगरेप की शिकार हुई पीड़िता को डॉक्टरों ने मेडिकल टेस्ट किए बिना लौटा दिया। डॉक्टरों ने पीड़िता और उसके परिजनों को कहा कि वे इसके लिए मतदान के बाद आए।
उसके साथ एसआरएन अस्पताल में ऐसा बरताव किया गया जहां डिस्चार्ज किए जाने के बाद परिजन लगातार दो दिन से पीड़िता को मेडिकल टेस्ट के लिए डफरिन ले जा रहे हैं। दरअसल, यहां कुछ दिन पहले एक महिला डॉक्टर को पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करने की वजह से झाड़ पड़ी थी। अब परिजनों का कहना है कि महिला डॉक्टर की वजह से उनके साथ डफरिन में ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।
बता दें कि महिला डॉक्टर ने पीड़िता के परिजनों को कथित तौर पर कहा था कि इसे यहां से लेकर जाए नहीं तो फेंक दिया जाएगा। इस व्यवहार के बाद अस्पताल प्रशासन का विरोध किया गया जिसके बाद दबाव बनने के बाद अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को दाखिला दिया था।