Epaper in Madhya Pradesh
विज्ञापन
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Parshuram Jayanti: Damoh Lord Parshuram came out from under the tree on a 320 feet high mountain

Parshuram Jayanti: 320 फीट ऊंचे पहाड़ पर पेड़ के नीचे से निकले थे भगवान परशुराम, दमोह का यह एकमात्र मंदिर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: रवींद्र भजनी Updated Sat, 22 Apr 2023 11:36 AM IST
सार

दमोह जिले में भगवान परशुराम का एकमात्र मंदिर परशुराम टेकरी पर बना है। भगवान 12 साल तक लगातार स्वप्न में आए थे। पेड़ के नीचे खुदाई के बाद मिली थी प्रतिमा।  
 

Parshuram Jayanti: Damoh Lord Parshuram came out from under the tree on a 320 feet high mountain
दमोह का परशुराम मंदिर। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
Follow Us

दमोह जिले में एकमात्र भगवान परशुराम का मंदिर दमोह की परशुराम टेकरी पर है। यहां भगवान परशुराम मंदिर आने वाले भक्तों की संतान  प्राप्ति की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भगवान की प्रतिमा 320 फीट ऊंचे पहाड़ पर बरिया के पेड़ के नीचे खुदाई के दौरान सपना देकर निकली थी। भगवान ने बैजनाथ श्रीवास्तव किशुनगंज वाले दादा को 12 साल लगातार स्वप्न दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने साथी तुलसीराम से इस बारे में चर्चा की। जब पॉलिटेक्निक कॉलेज के बाजू से बने इस पहाड़ पर खुदाई की और बरिया के पेड़ को हटाया तो वहां भगवान परशुराम की प्रतिमा निकली। तभी से यह स्थान परशुराम टेकरी के नाम से पहचाना जाने लगा। यहां दमोह जिले के अलावा कई जिलों से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं।



मंदिर निर्माण रुकवाने से हुआ था विवाद
मंदिर के पुजारी पंडित कृष्ण कुमार गर्ग बताते हैं कि 1981 में बैजनाथ श्रीवास्तव ने पहाड़ पर खुदाई करवाई थी।1982 में मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ था। चूंकि, यह जमीन वन विभाग में आती है, इस वजह से तत्कालीन डीएफओ अली साहब ने मंदिर का निर्माण रुकवा दिया था। इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी थी। तत्कालीन कलेक्टर ने विवाद को शांत करवाया। 48 घंटे में यहां मंदिर निर्माण कार्य शुरू करवाया। लाइट की व्यवस्था करवाई। भगवान परशुराम ने सपने में दादा बैजनाथ श्रीवास्तव को यह भी बताया था कि आपके यहां तो कोई संतान नहीं होगी,, लेकिन जो भी व्यक्ति अपनी संतान की मनोकामना लेकर मंदिर आएगा उसकी झोली भर जाएगी। आज तक यहां से कोई भी मां खाली हाथ नहीं लौटी। मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष रूप से भगवान का पूजन करने लोग आते हैं।  


अक्षय तृतीया के दिन निकली थी प्रतिमा
पुजारी ने बताया कि अप्रैल महीने में अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म उत्सव मनाया जाता है। उसी दिन यह प्रतिमा बरिया के पेड़ के नीचे से खुदाई के दौरान मिली थी। हजारों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग भगवान परशुराम का पूजन करने अक्षय तृतीया के दिन आते हैं। पहले यह पूरा क्षेत्र जंगल हुआ करता था। लोग बहुत कम ही मंदिर तक आ पाते थे। धीरे-धीरे विकास हुआ। दमोह शहर का विकास हुआ। आज स्थिति यह है कि मंदिर शहर के बीचों-बीच आ गया है।  

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें