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Indore News: Fake medicine being sold in the market for two years, drug department failed to stop the sale
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Indore News: दो साल से बाजार में बिक रही नकली दवा, औषधि विभाग पाबंदी लगाने में नाकाम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: अभिषेक चेंडके
Updated Thu, 09 Feb 2023 04:14 PM IST
सार
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एक ही नाम से दो दवाएं बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि इस पर रोक लगाना चाहिए, लेकिन कई बार अफसर दूसरे कारणों को गिनाकर एक्शन नहीं लेते, जबकि नकली दवा का मार्केट मेें बिकना अपराध की श्रेणी में आता है।
मध्य। प्रदेश में एक ही नाम की दो दवाएं बिक रही
- फोटो : amar ujala digital
उज्जैन की एक कंपनी द्वारा बनाई गई करोड़ों की दवा गलत तरीके से बिकने पर छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि विभाग ने छापा मारकर जब्त की है, लेकिन मध्य प्रदेश का औषधि विभाग नकली दवा की बिक्री रोकने में विफल रहा। किडनी की बीमारी के लिए बनाई जा रही नकली दवा की बिक्री दो साल से बाजार में हो रही है, लेकिन औषधि विभाग इसे रोक नहीं पा रहा। एक ही नाम से दो दवाएं बाजार में खुलेआम बिक रही हैं। इनमें एक असली तो दूसरी नकली है। शिकायत के बावजूद प्रदेश का खाद्य व औषधि विभाग नकली दवा की बिक्री पर रोक लगाने के बजाए कागजी खानापूर्ति कर रहा है।
किडनी की बीमारी के लिए 26 साल पहले इंदौर की कंपनी ने आयुर्वेदिक दवा अल्काविन का उत्पादन शुरू किया था। इस दवा का निर्माण रंगवासा क्षेत्र में स्थित प्लांट में हो रहा है। किडनी के मरीजों के इलाज के लिए यह दवा मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में बिकती है, लेकिन दो साल पहले इसी नाम का उपयोग करते गुजरात की एक कंपनी ने नकली दवा बाजार में बेचना शुरू कर दी। यह कंपनी इस दवा का निर्माण एलोपैथी के लिए कर रही है। गुजरात की कंपनी की बिक्री का लाइसेंस भी मध्य प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जारी किया है, लेकिन मध्य प्रदेश के अफसर नकली दवा की बिक्री पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं।
हम 25 साल से बना रहे अल्काविन : तारे
आयुर्वेदिक अल्काविन दवा बनाने वाले राजेंद्र तारे का कहना है कि हम 25 साल पहले से दवा बना रहे हैं, जबकि नकली दवा का उत्पादन दो साल पहले से शुरू हुआ। उस पर कार्यवाही करने के बजाए प्रदेश का औषधि विभाग हम से हमारी दवा पुरानी होने के सबूत मांग रहा है। हम से 25 साल पुराने सैंपल मांगे जा रहे हैं, जबकि एक्सपायर हो चुकी दवा को नष्ट करने का नियम है। फिर भी हम 25 साल पहले इस दवा निर्माण के सारे सबूत मय दस्तावेज के विभाग को दे चुके हैं।
नकली दवा का निर्माण अपराध
एक ही नाम से दो दवाएं बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि इस पर रोक लगना चाहिए, लेकिन कई बार अफसर दूसरे कारणों को गिनाकर कार्रवाई नहीं करते, जबकि नकली दवा को बाजार में बेचना अपराध है। गुजरात में बन रही नकली दवा कई शहरों में बिक रही है। एक ही नाम की दो दवाएं होने से मरीजों को भी खरीदने में भ्रम हो रहा है।
गुजरात की कंपनी से जवाब मांगा : ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग इंस्पेक्टर लोकेश गुप्ता का कहना है कि गुजरात की कंपनी को हमने नोटिस दिया है। तय समय सीमा में उससे जवाब मांगा है। दो तीन दिन में जवाब आ जाएगा। इसके बाद आगे कार्रवाई पर विचार होगा।
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