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Indore News: इंदौर केे समीप देपालपुर में किसान की हत्या, आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: अभिषेक चेंडके
Updated Sun, 19 Mar 2023 12:57 AM IST
सार
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देपालपुर तहसील के ककवा गांव में स्थित 0.5 हेक्टेयर भूमि 2002 में अनुसूचित जाति के 25 व्यक्तियों को आवंटित की गई थी, लेकिन बाबूसिंह राजपूत और उनके परिवार के सदस्य उस पर अपना दावा कर रहे थे। जबकि जमीन पर मायाराम बागरी के नाम पर थी।
आरोपी का मकान तोड़ दिया गया।
- फोटो : amar ujala digital
इंदौर के समीप एक दलित किसान की हत्या का मामला गरमा गया है। किसान की जमीन पर गांव केे दबंगों ने कब्जा कर लिया था। किसान अपनी जमीन का कब्जा लेने पहुंचा तो दंबगों ने उस पर हमला कर दिया था। शनिवार को इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई। इस मामले में छह लोगों घायल भी हुए है।
देपालपुर तहसील के ककवा गांव में स्थित 0.5 हेक्टेयर भूमि 2002 में अनुसूचित जाति के 25 व्यक्तियों को आवंटित की गई थी, लेकिन बाबूसिंह राजपूत और उनके परिवार के सदस्य उस पर अपना दावा कर रहे थे। जबकि जमीन पर मायाराम बागरी के नाम पर थी। जब मायाराम कोर्ट के आदेश पर जमीन का कब्जा लेने पहुंचा तो उस पर हमला हो गया। जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया था। उसे उपचार के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। हमले में सात किसान भी घायल हो गए थे।
मृतक मायाराम बागरी और अन्य घायलों सहित अनुसूचित जाति के सभी लोग पड़ोस के खिमलावदा गांव में रहते हैं और जब भी वे काकवा गांव में पट्टे पर आवंटित खेत पर जाते थे तो बाबूसिंह व उनके परिवार के सदस्य आपत्ति जताते थे। इसे लेकर आरोपियों के खिलाफ 2003 में भी मामला दर्ज किया गया था।
बाबूसिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने दावा किया गया था कि काकवा गांव में जमीन उनकी है। हालांकि वे सभी मामले हार गए क्योंकि भूमि सरकारी थी और अनुसूचित जाति के कुल 25 लोगों को पट्टे पर जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन बाबू सिंह ने जमीन कर कब्जा कर वहां मकान बना लिया था। जब मायाराम ने इसका विरोध किया तो उस पर हमला कर दिया। दलित मायाराम की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 50,000 रुपये और सभी छह घायलों को 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी है।
उधर आरोपी बाबू सिंह का अवैध रुप से बनाया गया मकान भी प्रशासन ने तोड़ दिया है। शनिवार को भारी पुलिस बल के बीच मृतक का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भीम आर्मी के विनोद यादव के साथ बागड़ी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष परशुराम सिसोदिया व जिलाध्यक्ष नरेंद्र बागड़ी शामिल हुए।
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