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Jharkhand: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी का समन, तीन नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: Jeet Kumar Updated Wed, 02 Nov 2022 11:45 AM IST
सार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तीन नवंबर को रांची स्थित इडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन - फोटो : पीटीआई

विस्तार

अवैध खनन मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मामलें में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीएम सोरेन को समन जारी किया है और उनको तीन नवंबर को रांची स्थित इडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। 



झामुमो नेता बोले- यह बदले की राजनीति है
झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा कि ईडी अपना काम करेगा और हमारे साथ अन्याय होगा तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पता नहीं क्या ईडी सीएम को तलब कर सकता है। अगर ऐसा है, तो सीएम कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद जवाब देंगे। क्या उन आरोपों के लिए उन्हें समन करना कानूनी है? अगर ऐसा है तो कई मामलों में पीएम को भी तलब किया जाना चाहिए. यह बदले की राजनीति है।


ईडी को पहले मोरबी जाना चाहिए था
झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सभी को पता है कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। साथ ही कहा कि सरकार को अस्थिर करने की सारी योजना बनाई गई है, सोरेन को बुलाना असामान्य नहीं है। ईडी को पहले मोरबी जाना चाहिए था।

सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्य आरोपी
इससे पहले  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के मुख्यमंत्री आवास के आवास पर छापेमारी कर सीएम हेमंत सोरेन की एक बैंक पासबुक और चेकबुक जब्त की थी। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता पंकज मिश्रा के आवास के आवास पर भी छापेमारी की गई थी। वहीं पंकज मिश्रा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्य आरोपी हैं। मिश्रा को 19 जुलाई को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

सीएम सोरेन वर्तमान में खुद को खनन पट्टा देने के लिए लाभ के पद के आरोप का सामना कर रहे हैं। भारत के चुनाव आयोग ने अगस्त में राज्यपाल रमेश बैस को उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी। हालांकि इस पर अभी फैसला आना बाकी है।

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