बेटे की चाह में लोग इस कदर तर तक गिर जाते हैं कि वह पेट में पल रही मासूम की जान लेने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक मामला झारखंड के बरही से सामने आया है। यहां रूपा मिश्रा नाम की एक महिला पर उसके ससुराल वालों ने बहुत जुल्म ढाए। उन्होंने लड़के की चाह में दो बार उसका
लिंग परीक्षण कराया और फिर गर्भपात करवा दिया। लिंग परीक्षण के खिलाफ कड़े कानून बनने के बाद भी ऐसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
इसके बाद तीसरी बार रूपा के पेट में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण कराया गया। इस गैरकानूनी परीक्षण के बाद जब ये मालूम पड़ा कि उसके गर्भ में इस बार भी एक लड़की है तो उसे गर्भपात के लिए कहा गया। लेकिन इस बार उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया। रूमा की नामंजूरी ससुराल वालों को नागवार गुजरी और उन्होंने गला दबाकर उसकी हत्या करने की कोशिश की। ब्रेन हेमरेज होने की वजह से वह बीते एक वर्ष से कोमा में थी। सोमवार को उसका बरही अनुमंडलीय अस्पताल में निधन हो गया।
रूपा का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने उसके ससुराल जमशेदपुर के गोविंदपुर भेज दिया। इसके बाद परिजनों ने मंगलवार को बरही थाने में आवेदन कर उसके पति रंजन मिश्रा, सास कुसुम रानी मिश्रा और ननद सोनी कुमारी को मौत का जिम्मेदार ठहराया। तीनों पर आरोप लगाया गया कि इन्होंने बार-बार मृतका का लिंग परीक्षण कर गर्भपात करवाया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
परिजनों का कहना है कि ससुराल वाले रूपा के पति की दूसरी शादी करवाना चाहते थे इसलिए उन्होंने रूपा की हत्या करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि ससुरालवालों ने कई बार उसे मारने की योजना बनाई थी। वह पिछले एक साल से कोमा में थी लेकिन उसके पति और उसके परिवार वालों ने कभी उसका हाल-चाल नहीं पूछा।
उन्होंने बताया कि रूपा की एक 7 साल की बेटी भी है लेकिन उसे कभी उसकी बेटी से मिलने तक नहीं दिया गया। उसकी बेटी कहां है इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
बेटे की चाह में लोग इस कदर तर तक गिर जाते हैं कि वह पेट में पल रही मासूम की जान लेने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक मामला झारखंड के बरही से सामने आया है। यहां रूपा मिश्रा नाम की एक महिला पर उसके ससुराल वालों ने बहुत जुल्म ढाए। उन्होंने लड़के की चाह में दो बार उसका लिंग परीक्षण कराया और फिर गर्भपात करवा दिया। लिंग परीक्षण के खिलाफ कड़े कानून बनने के बाद भी ऐसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
इसके बाद तीसरी बार रूपा के पेट में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण कराया गया। इस गैरकानूनी परीक्षण के बाद जब ये मालूम पड़ा कि उसके गर्भ में इस बार भी एक लड़की है तो उसे गर्भपात के लिए कहा गया। लेकिन इस बार उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया। रूमा की नामंजूरी ससुराल वालों को नागवार गुजरी और उन्होंने गला दबाकर उसकी हत्या करने की कोशिश की। ब्रेन हेमरेज होने की वजह से वह बीते एक वर्ष से कोमा में थी। सोमवार को उसका बरही अनुमंडलीय अस्पताल में निधन हो गया।
रूपा का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने उसके ससुराल जमशेदपुर के गोविंदपुर भेज दिया। इसके बाद परिजनों ने मंगलवार को बरही थाने में आवेदन कर उसके पति रंजन मिश्रा, सास कुसुम रानी मिश्रा और ननद सोनी कुमारी को मौत का जिम्मेदार ठहराया। तीनों पर आरोप लगाया गया कि इन्होंने बार-बार मृतका का लिंग परीक्षण कर गर्भपात करवाया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
परिजनों का कहना है कि ससुराल वाले रूपा के पति की दूसरी शादी करवाना चाहते थे इसलिए उन्होंने रूपा की हत्या करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि ससुरालवालों ने कई बार उसे मारने की योजना बनाई थी। वह पिछले एक साल से कोमा में थी लेकिन उसके पति और उसके परिवार वालों ने कभी उसका हाल-चाल नहीं पूछा।
उन्होंने बताया कि रूपा की एक 7 साल की बेटी भी है लेकिन उसे कभी उसकी बेटी से मिलने तक नहीं दिया गया। उसकी बेटी कहां है इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।