राजस्थान के कई इलाके बाढ़ की चपेट में है। लोग परेशान है। सीएम वसुंधरा राजे भी हवाई दौरा कर बाढ़ ग्रस्त इलाके का जायजा ले रही है। ऐसे में एक काबिना मंत्री का प्रण खासा चर्चा में है।
दरअसल, राजसमंद विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने गोमती नदी पर पूजा की है। उन्होंने ये पूजा-अर्चना राजसंमद झील पर चादर चलने की कामना के लिए की है। इतना ही नहीं मंत्री ने प्रण लिया है कि राजसमंद झील पर चादर चलती है तो वे कांकरोली से चारभुजा तक पदययात्रा करेंगी। उपने इस प्रण की जानकारी किरण माहेश्वरी ने ट्विटर पर दी है।
गोमती नदी को राजसमंद झील की लाइफ लाइन कही जाती है। पिछले दिनों इस क्षेत्र में भारी बारिश के बाद गोमती में भी पानी की आवक बढ़ी है। इसके चलते कुछ लोग पानी में फंस गए थें। जिने एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित बचा लिया था।
गौरतलब है कि राजसमंद झील उदयपुर से करीब 60 किलोमीटर उत्तर में राजसमन्द जिले में स्थित है। 88 वर्गकिलोमीटर में फैली यह झील भारत की दूसरी सबसे बडी कृत्रिम झील है। इतिहासकारों के अनुसार, महाराणा राजसिंह ने इस झील का निर्माण 17वीं शताब्दी में गोमती नदी पर बांध बनाकर किया था।
राजस्थान के कई इलाके बाढ़ की चपेट में है। लोग परेशान है। सीएम वसुंधरा राजे भी हवाई दौरा कर बाढ़ ग्रस्त इलाके का जायजा ले रही है। ऐसे में एक काबिना मंत्री का प्रण खासा चर्चा में है।
दरअसल, राजसमंद विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने गोमती नदी पर पूजा की है। उन्होंने ये पूजा-अर्चना राजसंमद झील पर चादर चलने की कामना के लिए की है। इतना ही नहीं मंत्री ने प्रण लिया है कि राजसमंद झील पर चादर चलती है तो वे कांकरोली से चारभुजा तक पदययात्रा करेंगी। उपने इस प्रण की जानकारी किरण माहेश्वरी ने ट्विटर पर दी है।
गोमती नदी को राजसमंद झील की लाइफ लाइन कही जाती है। पिछले दिनों इस क्षेत्र में भारी बारिश के बाद गोमती में भी पानी की आवक बढ़ी है। इसके चलते कुछ लोग पानी में फंस गए थें। जिने एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित बचा लिया था।
गौरतलब है कि राजसमंद झील उदयपुर से करीब 60 किलोमीटर उत्तर में राजसमन्द जिले में स्थित है। 88 वर्गकिलोमीटर में फैली यह झील भारत की दूसरी सबसे बडी कृत्रिम झील है। इतिहासकारों के अनुसार, महाराणा राजसिंह ने इस झील का निर्माण 17वीं शताब्दी में गोमती नदी पर बांध बनाकर किया था।