अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या वह ट्रंप के समक्ष एच-1बी वीजा, जीएसपी दर्जे की बहाली और तालिबान से जुड़े सुरक्षा मुद्दों को उठाएंगे? कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘पहले भारत’ पर चुप क्यों है जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ‘पहले अमेरिका’ की बात कर रहे हैं।
उन्होंने पूछा कि ईरान पर लगे प्रतिबंद्धों के मद्देनजर उससे तेल खरीदना बंद करने के बाद क्या मोदी भारत के लिए सस्ता तेल सुनिश्चित करेंगे और क्या भारत के तीन अरब की रक्षा खरीद के बाद भारतीय स्टील निर्यात को बढ़ावा मिलेगा? उन्होंने पूछा, ‘ट्रंप सरकार की प्रतिबंधात्मक आव्रजन नीतियों से एच-1बी वीजा प्रभावित हुआ है। भारतीयों को 85,000 एच-1बी वीजा में से 70 प्रतिशत ही वीजा मिल रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका की आव्रजन नीति के तहत 2015 के छह प्रतिशत की तुलना में 2019 में 24 प्रतिशत वीजा आवेदनों को रद्द किया गया, जिसमें अधिकतर आईटी पेशेवर शामिल हैं। उन्होंने पूछा, ‘एक करोड़ लोगों के भव्य समारोह के बाद क्या प्रधानमंत्री मोदी एच-1बी वीजा में ढील देने की बात करेंगे?’
सुरजेवाला ने पूछा कि अमेरिका ने 29 फरवरी को तालिबान के साथ एक समझौता करने का फैसला कर लिया है, लेकिन भारत की चिंताओं का क्या?
उन्होंने कहा, ‘क्या हम आईसी-814 को हाईजैक किए जाने और फिर कंधार में उसके बदले मसूद अजहर को छोड़े जाने को भूल गए हैं, जो तब जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य था और जिसने संसद और पुलवामा पर हमले किए? भव्य समारोह के खत्म होने के बाद क्या मोदी जी राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाएंगे?’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका ने पांच जून 2019 को सामान्य तरजीह व्यवस्था (जीएसपी) जैसी चीजों पर भारत को शुल्क मुक्त आयात की सुविधा देनी बंद कर दी।उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका में 5.6 अरब डॉलर का भारतीय निर्यात प्रभावित हुआ, जिसमें रत्न, आभूषण, चावल, चमड़ा आदि शामिल हैं। उन्होंने पूछा कि ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रम्प’ जैसे भव्य समारोह के बाद क्या प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि जीएसपी के दर्जे को बहाल किया जाए।
सुरजेवाला ने कहा कि 2018 तक भारत ने ईरान से रुपये में भुगतान करते हुए प्रति महीने 250 करोड़ टन कच्चा तेल आयात किया, जिसके तहत 90 दिन की मौहलत और संयंत्रों तक इसे पहुंचाने की सुविधा भी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद ईरान से सस्ते दामों में तेल खरीदना बंद कर दिया, जिससे भारत में तेल के दाम बढ़ गए।
उन्होंने पूछा, ‘अहमदाबाद में जश्न के दौरान क्या मोदी जी भारत के लिए सस्ता तेल सुनिश्चित कर पाएंगे।’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ट्रंप सरकार के आयात शुल्क में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में स्टील के 76.1 करोड़ डॉलर के आयात में 50 प्रतिशत की गिरावट आने से यह 37.2 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने पूछा, ‘जब भारत तीन अरब डॉलर की रक्षा खरीद को लेकर प्रतिबद्ध है तो भारत के स्टील निर्यात पर कोई छूट क्यों नहीं?’
वहीं लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को राष्ट्रपति भवन की ओर से मिले अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भोज के न्योते पर पार्टी ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन अधीर रंजन ने वहां जाने से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति भवन से कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ अन्य नेताओं को भी न्योता भेजा गया है। कांग्रेस ने अभी तय नहीं किया है कि उसके नेता भोज में शामिल होंगे या नहीं। लेकिन अधीर रंजन ने कहा, वे अमेरिकी राष्ट्रपति के किसी अभियान का हिस्सा नहीं बनेंगे और भोज में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस ट्रंप की यात्रा का स्वागत जरूर कर रही है लेकिन यात्रा से भारत के नफे-नुकसान को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। अधीर रंजन ने ट्वीट किया, ट्रंप अहमदाबाद से अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान को गति देने जा रहे हैं। एक साथ दो माचो राजनेता मिलेंगे, खाएंगे और मीडिया के लाइमलाइट में आएंगे। संक्षेप में कहें तो, अमेरिका को विक्रेता के रूप में पेश किया जाएगा जबकि भारत खरीदार होगा।
देखते हैं मोदी के मित्र क्या शिक्षा देकर जाते हैं: दिग्विजय सिंह
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संविधान का पालन नहीं करने का आरोप लगाया और तंज कसते हुए कहा कि अब देखते हैं कि मोदी को उनके परम मित्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने भारत दौरे के दौरान क्या शिक्षा देकर जाते हैं। दिग्विजय ने ट्वीट किया कि बराक ओबोमा जी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी को जनवरी 2015 में संविधान का पालन करने का अनुरोध कर गए थे, लेकिन संपूर्ण राजनीतिक शास्त्र के ज्ञाता हमारे मोदी जी ने ठीक विपरीत काम किया।
दिग्विजय ने कहा कि अब देखते हैं मोदी जी के परम मित्र डोनाल्ड ट्रंप जी क्या शिक्षा देकर जाते हैं। भारत की अर्थ नीतियों का तो वे विरोध कर चुके हैं।
ट्रंप की भारत यात्रा उनके चुनाव अभियान का हिस्सा: बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्रंप की भारत यात्रा को उनके चुनाव अभियान का हिस्सा बताया है। बघेल 11 फरवरी से अमेरिका की यात्रा पर थे और शुक्रवार को दिल्ली लौटे। अमेरिका यात्रा से लौटे बघेल से जब वहां के राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा और उसकी तैयारियों को लेकर सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि ट्रंप चुनाव प्रचार के हिसाब से भारत आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका में भारतीय मूल के बहुत से लोग रहते हैं जिससे उनका वोट मिल जाए। अन्यथा चुनाव सामने है और इस बीच आने का मतलब ही क्या होता है।’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या वह ट्रंप के समक्ष एच-1बी वीजा, जीएसपी दर्जे की बहाली और तालिबान से जुड़े सुरक्षा मुद्दों को उठाएंगे? कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘पहले भारत’ पर चुप क्यों है जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ‘पहले अमेरिका’ की बात कर रहे हैं।
उन्होंने पूछा कि ईरान पर लगे प्रतिबंद्धों के मद्देनजर उससे तेल खरीदना बंद करने के बाद क्या मोदी भारत के लिए सस्ता तेल सुनिश्चित करेंगे और क्या भारत के तीन अरब की रक्षा खरीद के बाद भारतीय स्टील निर्यात को बढ़ावा मिलेगा? उन्होंने पूछा, ‘ट्रंप सरकार की प्रतिबंधात्मक आव्रजन नीतियों से एच-1बी वीजा प्रभावित हुआ है। भारतीयों को 85,000 एच-1बी वीजा में से 70 प्रतिशत ही वीजा मिल रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका की आव्रजन नीति के तहत 2015 के छह प्रतिशत की तुलना में 2019 में 24 प्रतिशत वीजा आवेदनों को रद्द किया गया, जिसमें अधिकतर आईटी पेशेवर शामिल हैं। उन्होंने पूछा, ‘एक करोड़ लोगों के भव्य समारोह के बाद क्या प्रधानमंत्री मोदी एच-1बी वीजा में ढील देने की बात करेंगे?’
सुरजेवाला ने पूछा कि अमेरिका ने 29 फरवरी को तालिबान के साथ एक समझौता करने का फैसला कर लिया है, लेकिन भारत की चिंताओं का क्या?
उन्होंने कहा, ‘क्या हम आईसी-814 को हाईजैक किए जाने और फिर कंधार में उसके बदले मसूद अजहर को छोड़े जाने को भूल गए हैं, जो तब जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य था और जिसने संसद और पुलवामा पर हमले किए? भव्य समारोह के खत्म होने के बाद क्या मोदी जी राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाएंगे?’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका ने पांच जून 2019 को सामान्य तरजीह व्यवस्था (जीएसपी) जैसी चीजों पर भारत को शुल्क मुक्त आयात की सुविधा देनी बंद कर दी।उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका में 5.6 अरब डॉलर का भारतीय निर्यात प्रभावित हुआ, जिसमें रत्न, आभूषण, चावल, चमड़ा आदि शामिल हैं। उन्होंने पूछा कि ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रम्प’ जैसे भव्य समारोह के बाद क्या प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि जीएसपी के दर्जे को बहाल किया जाए।
सुरजेवाला ने कहा कि 2018 तक भारत ने ईरान से रुपये में भुगतान करते हुए प्रति महीने 250 करोड़ टन कच्चा तेल आयात किया, जिसके तहत 90 दिन की मौहलत और संयंत्रों तक इसे पहुंचाने की सुविधा भी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद ईरान से सस्ते दामों में तेल खरीदना बंद कर दिया, जिससे भारत में तेल के दाम बढ़ गए।
उन्होंने पूछा, ‘अहमदाबाद में जश्न के दौरान क्या मोदी जी भारत के लिए सस्ता तेल सुनिश्चित कर पाएंगे।’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ट्रंप सरकार के आयात शुल्क में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में स्टील के 76.1 करोड़ डॉलर के आयात में 50 प्रतिशत की गिरावट आने से यह 37.2 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने पूछा, ‘जब भारत तीन अरब डॉलर की रक्षा खरीद को लेकर प्रतिबद्ध है तो भारत के स्टील निर्यात पर कोई छूट क्यों नहीं?’