न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Updated Fri, 18 May 2018 03:00 PM IST
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सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार शाम चार बजे कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार को बहुमत साबित करने को कहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन सुनवाई जारी रखने का फैसला किया।
सुनवाई के दौरान बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने शक्ति परीक्षण के लिए सोमवार तक का वक्त मांगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जद(एस) के विधायकों को शहर से बाहर बंद करके रखा हुआ है। रोहतगी ने तर्क देते हुए कहा कि जब विधायक आएंगे तभी वह वोट देंगे। जिसके लिए अभी कुछ और वक्त की आवश्यकता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने बेजेपी की इस मांग को खारिज कर दिया और जवाब में मजाक करते हुए कहा कि जिन रिजॉर्ट में विधायकों को रखा गया है वहां के मालिकों ने शिकायत दर्ज करवाई है कि वह अपने ही आवास में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेस और जद(एस) ने
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह उनके विधायकों की खरीद फरोखत की कोशिश कर रही है। उन्होंने पहले तो विधायकों को बंगलूरु के पास के रिजॉर्ट में ही रखा था। लेकिन जब उन्हें पता चला कि वहां वह सुरक्षित नहीं हैं तो उन्हें बचाने के लिए दोनों दलों ने गुरुवार रात बंगलूरु से हैदराबाद के रिसॉर्ट के लिए रवाना कर दिया। रात करीब 12 बजे तीन बसें उन्हें लेकर निकलीं जिसके बाद वह शुक्रवार सुबह 9 बजे हैदराबाद पहुंचे।
गौरतलब है कि येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को रुकवाने के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में मदद की गुहार लगाई थी। कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा । जिसके बाद कोर्ट ने येदियुरप्पा सरकार को शक्ति परीक्षण के लिए आंकड़े जुटाने को 28 घंटे का वक्त दिया और कहा कि सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को किस पार्टी को बुलाना चाहिए था, इसका फैसला बाद में लिया जाएगा। कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर (अस्थाई स्पीकर) द्वारा विश्वास मत परीक्षण के आदेश भी दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार शाम चार बजे कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार को बहुमत साबित करने को कहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन सुनवाई जारी रखने का फैसला किया।
सुनवाई के दौरान बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने शक्ति परीक्षण के लिए सोमवार तक का वक्त मांगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जद(एस) के विधायकों को शहर से बाहर बंद करके रखा हुआ है। रोहतगी ने तर्क देते हुए कहा कि जब विधायक आएंगे तभी वह वोट देंगे। जिसके लिए अभी कुछ और वक्त की आवश्यकता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने बेजेपी की इस मांग को खारिज कर दिया और जवाब में मजाक करते हुए कहा कि जिन रिजॉर्ट में विधायकों को रखा गया है वहां के मालिकों ने शिकायत दर्ज करवाई है कि वह अपने ही आवास में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेस और जद(एस) ने
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह उनके विधायकों की खरीद फरोखत की कोशिश कर रही है। उन्होंने पहले तो विधायकों को बंगलूरु के पास के रिजॉर्ट में ही रखा था। लेकिन जब उन्हें पता चला कि वहां वह सुरक्षित नहीं हैं तो उन्हें बचाने के लिए दोनों दलों ने गुरुवार रात बंगलूरु से हैदराबाद के रिसॉर्ट के लिए रवाना कर दिया। रात करीब 12 बजे तीन बसें उन्हें लेकर निकलीं जिसके बाद वह शुक्रवार सुबह 9 बजे हैदराबाद पहुंचे।
गौरतलब है कि येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को रुकवाने के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में मदद की गुहार लगाई थी। कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा । जिसके बाद कोर्ट ने येदियुरप्पा सरकार को शक्ति परीक्षण के लिए आंकड़े जुटाने को 28 घंटे का वक्त दिया और कहा कि सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को किस पार्टी को बुलाना चाहिए था, इसका फैसला बाद में लिया जाएगा। कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर (अस्थाई स्पीकर) द्वारा विश्वास मत परीक्षण के आदेश भी दिए।