लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   India News ›   RRB NTPC students Protest: Why is trust not being built between the government and the examinees, five demands of yuva Halla Bol

RRB-NTPC बवाल: सरकार और परीक्षार्थियों के बीच क्यों नहीं बन पा रहा 'भरोसा', युवा हल्लाबोल ने रखीं ये पांच मांगें

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Fri, 28 Jan 2022 06:46 PM IST
सार

युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा, केंद्र सरकार की ज्यादातर भर्तियों को पूरा होने में तीन-चार साल लग रहे हैं। एक छात्र, 23 साल की आयु में नौकरी का फार्म भरता है और उसे 27वें साल में रिजल्ट मालूम चलता है। अगर वह फेल हो जाता है तो आगे क्या करेगा। उसके पास तो दूसरा चांस भी नहीं बचा, क्योंकि वो ओवरएज के दायरे में आ गया है...

RRB NTPC students Protest: Why is trust not being built between the government and the examinees, five demands of yuva Halla Bol
विरोध करते छात्र - फोटो : Agency

विस्तार

रेलवे भर्ती के रिजल्ट को देखकर परीक्षार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी छात्रों का गुस्सा देखने को मिला। पहले, रेलवे ने प्रदर्शनकारी छात्रों को चेतावनी दी, लेकिन उसके बाद भी जब छात्रों का विरोध कम नहीं हुआ तो रेल मंत्री को प्रेसवार्ता के जरिए सामने आना पड़ा। शुक्रवार को 'बिहार बंद' की कॉल दी गई। आखिर केंद्र सरकार और परीक्षार्थियों के बीच 'भरोसा' क्यों नहीं बन पा रहा है, इस बाबत युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा, केंद्र सरकार में सात-आठ लाख पद खाली पड़े रहते हैं। भर्ती का विज्ञापन जारी होने से लेकर नियुक्ति पत्र मिलने तक की प्रक्रिया पूरी होने में तीन-चार साल लग रहे हैं। ऐसे में भरोसे का तो सवाल ही नहीं उठता।

ये पांच मांगें हैं, इन्हें पूरा कर दें: अनुपम

मौजूदा परिस्थितियों में युवा हल्लाबोल की पांच प्रमुख मांगें हैं, इन्हें अविलंब पूरा किया जाए। पहली, रेलवे भर्ती परीक्षा के छात्रों व शिक्षकों पर दर्ज पुलिस केस वापस हों। दूसरी, बेवजह बल प्रयोग करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाए। तीसरी, आरआरबी एनटीपीसी में 20 गुना छात्रों का चयन हो और चौथी मांग, ग्रुप डी में लाया गया संशोधन वापस लें। पांचवीं मांग, घायल छात्रों का निशुल्क इलाज कराया जाए। रेल मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी से कुछ नहीं होने वाला। उसका कोई औचित्य भी नहीं है। वह तो चुनाव देखते हुए बनाई गई है।

भर्ती प्रक्रिया लंबी खींचकर सरकार ने खुद ही भरोसा तोड़ा है

युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा, केंद्र सरकार की ज्यादातर भर्तियों को पूरा होने में तीन-चार साल लग रहे हैं। एक छात्र, 23 साल की आयु में नौकरी का फार्म भरता है और उसे 27वें साल में रिजल्ट मालूम चलता है। अगर वह फेल हो जाता है तो आगे क्या करेगा। उसके पास तो दूसरा चांस भी नहीं बचा, क्योंकि वो ओवरएज के दायरे में आ गया है। जिस छात्र ने सरकारी नौकरी के लिए खूब मेहनत की हो और आखिर में उसे ऐसा रिजल्ट मिले तो उसकी मनोस्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। उस छात्र को अपने ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक दबाव भी झेलना होता है। दूसरी ओर सरकार को इन बातों से कोई सरोकार नहीं होता। परीक्षा का परिणाम चार-पांच साल में आता है। पेपर लीक हुआ है, उम्मीदवारों के पास दूसरा चांस ही नहीं बचा, मामला अदालत में लंबित है या पूरी भर्ती प्रक्रिया ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, आदि बातों का असर तो छात्र पर ही पड़ता है। ऐसे में सरकार के भरोसे पर कोई कैसे यकीन कर ले।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Election

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed