द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के खिलाफ विपक्ष का रुख उनका अपमान था। अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों का सीधा निरादर था।
बयान में विपक्षी दलों से नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया।
ये दल समारोह में हिस्सा लेंगे
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के राजनीतिक दल शिवसेना (शिंदे), मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा जन-नायक पार्टी, अन्नाद्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू, आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पट्टाली मक्कल कच्ची, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, अपना दल और असम गण परिषद 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले गैर-एनडीए दलों में लोक जनशक्ति पार्टी (पासवान), बीजू जनता दल (बीजद), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), अकाली दल और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) शामिल हैं।
इन पार्टियों ने किया बहिष्कार
कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके), ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और राष्ट्रीय लोकदल।
प्रह्लाद जोशी ने कही यह बात
इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के 19 विपक्षी दलों के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। उन्होंने सभी से अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रहे हैं, क्योंकि पूर्व में भी प्रधानमंत्रियों ने संसद भवन परिसर में इमारतों का उद्घाटन किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी विपक्षी दलों से अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा।
आखिर क्यों हो रहा विरोध?
दरअसल, 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।