राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा। पवार ने आरोप लगाया कि उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा की तुलना ब्रिटिश राज में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार से की थी, इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के रिश्तेदारों पर आयकर छापे मारे गए।
सोलापुर में राकांपा की एक बैठक में पवार ने छापों पर हैरानी जताते हुए कहा कि लोगों को देश में अपनी बात कहने का अधिकार है या नहीं? आयकर छापे इसलिए मारे गए, क्योंकि मैंने लखीमपुरी खीरी की हिंसा को जलियांवाला बाग हत्याकांड से जोड़ दिया था। क्या लोकतंत्र में हमें अपनी बात जनता तक पहुंचाने का अधिकार नहीं है?
आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि आयकर विभाग ने गुरुवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के कुछ परिजनों व कुछ रीयल एस्टेट डेवलपर्स पर कर चोरी का आरोप लगाते हुए छापे मारे थे। उनसे जुड़े परिसरों जैसे डीबी रियाल्टी, शिवालिक, जारेंडश्वर सहकारी शुगर कारखाना, अजित पवार की बहनों से जुड़े कारोबारों की भी जांच की गई।
इस छापा कार्रवाई से पूर्व शरद पवार ने यूपी के लखीमपुर खीरी मामले, जिसमें आठ लोग मारे गए हैं, की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की थी। पवार ने यह भी कहा था कि जनता को भाजपा को उसकी जगह दिखा देना चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार को संकट में डालने के प्रयास
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार महाराष्ट्र की शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा नीत महाविकास अघाडी सरकार (MVA) के लिए संकट पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राज्य सरकार को केंद्रीय कोष में से उसका सही हक भी नहीं दिया जा रहा है। पवार ने कहा कि हम भाजपा को हमारे रास्ते से हटाना चाहते हैं। हालिया उपचुनावों में एमवीए के सहयोगियों, जिन्होंने अलग अलग चुनाव लड़ा था, 70 फीसदी सीटें जीती हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो और बेहतर नतीजे हासिल करेंगे। अब हमें भावी चुनाव कैसे लड़ेंगे, इसकी रणनीति बनानी है।
पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा किसान विरोधी है और सत्ता के दुरुपयोग में लिप्त है। उन्होंने कहा कि 11 अक्तूबर केा पूर्ण महाराष्ट्र बंद रहना चाहिए और यह शांतिपूर्वक होना चाहिए।
विस्तार
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा। पवार ने आरोप लगाया कि उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा की तुलना ब्रिटिश राज में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार से की थी, इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के रिश्तेदारों पर आयकर छापे मारे गए।
सोलापुर में राकांपा की एक बैठक में पवार ने छापों पर हैरानी जताते हुए कहा कि लोगों को देश में अपनी बात कहने का अधिकार है या नहीं? आयकर छापे इसलिए मारे गए, क्योंकि मैंने लखीमपुरी खीरी की हिंसा को जलियांवाला बाग हत्याकांड से जोड़ दिया था। क्या लोकतंत्र में हमें अपनी बात जनता तक पहुंचाने का अधिकार नहीं है?
आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि आयकर विभाग ने गुरुवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के कुछ परिजनों व कुछ रीयल एस्टेट डेवलपर्स पर कर चोरी का आरोप लगाते हुए छापे मारे थे। उनसे जुड़े परिसरों जैसे डीबी रियाल्टी, शिवालिक, जारेंडश्वर सहकारी शुगर कारखाना, अजित पवार की बहनों से जुड़े कारोबारों की भी जांच की गई।
इस छापा कार्रवाई से पूर्व शरद पवार ने यूपी के लखीमपुर खीरी मामले, जिसमें आठ लोग मारे गए हैं, की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की थी। पवार ने यह भी कहा था कि जनता को भाजपा को उसकी जगह दिखा देना चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार को संकट में डालने के प्रयास
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार महाराष्ट्र की शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा नीत महाविकास अघाडी सरकार (MVA) के लिए संकट पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राज्य सरकार को केंद्रीय कोष में से उसका सही हक भी नहीं दिया जा रहा है। पवार ने कहा कि हम भाजपा को हमारे रास्ते से हटाना चाहते हैं। हालिया उपचुनावों में एमवीए के सहयोगियों, जिन्होंने अलग अलग चुनाव लड़ा था, 70 फीसदी सीटें जीती हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो और बेहतर नतीजे हासिल करेंगे। अब हमें भावी चुनाव कैसे लड़ेंगे, इसकी रणनीति बनानी है।
पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा किसान विरोधी है और सत्ता के दुरुपयोग में लिप्त है। उन्होंने कहा कि 11 अक्तूबर केा पूर्ण महाराष्ट्र बंद रहना चाहिए और यह शांतिपूर्वक होना चाहिए।