महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर गरमाने वाला है। सीबीआई आज पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे व कुंदन शिंदे को अपनी हिरासत में लेने वाली है। इनसे भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ की जाएगी। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे सरकार को झटका दिया है। देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने की उसकी याचिका खारिज कर दी।
बॉम्बे हाईकोर्ट देशमुख की जमानत अर्जी पर 8 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले 25 मार्च को सुनवाई में हाईकोर्ट ने देशमुख की जमानत अर्जी पर ईडी को एक सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया था। देशमुख अभी मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली व मनी लॉन्ड्रिंग केस में फरवरी में ईडी देशमुख के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री 1992 से अपने पद का दुरुपयोग करते रहे हैं। उन्होंने अवैध तरीके से काफी पैसा व संपत्ति बनाई है। अवैध रूप से कमाया गया पैसा 13 कंपनियों में इस्तेमाल किया गया। ये कंपनियां या तो देशमुख के बेटे चला रहे हैं या उनके निकट सहयोगी।
आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि देशमुख से कई सरकारी कर्मचारी भी जुड़े थे और वह उनके जरिए काम कराते थे। ईडी ने अब तक इस मामले में 51 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें कई आईएएस, आईपीएस अधिकारी, सीए, राजनीतिज्ञ व बार मालिक शामिल हैं। ईडी के आरोप पत्र में कहा गया है कि मुंबई के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने कहा है कि देशमुख ने गृह मंत्री रहते हुए उनका 16 साल पुराना निलंबन खत्म कर उन्हें बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये रिश्वत मांगी थी।
ईडी का आरोप है कि देशमुख वाजे के नियमित संपर्क में थे और मुंबई के बारों, होटलों, रेस्त्रां व संस्थानों से हर माह 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के इस गिरोह से दोनों जुड़े थे। ईडी का कहना है कि देशमुख के परिजन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनका बेटे ऋषिकेश देशमुख व सलील देशमुख तथा उनकी पत्नी आरती देशमुख जांच समन के बाद भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रहे हैं। देशमुख को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली का लक्ष्य दिए जाने के आरोप के बाद नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र सरकार की याचिका खारिज
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी जिसमें पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की इजाजत मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने हाईकोर्ट के 15 दिसंबर, 2021 के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि याचिका पूरी तरह से अनुचित है। यह रेड हियरिंग है। हमें उम्मीद राज्य सरकार कुछ समझ दिखाएगी, लेकिन यह पूरी तरह से अलग लड़ाई है।
विस्तार
महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर गरमाने वाला है। सीबीआई आज पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे व कुंदन शिंदे को अपनी हिरासत में लेने वाली है। इनसे भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ की जाएगी। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे सरकार को झटका दिया है। देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने की उसकी याचिका खारिज कर दी।
बॉम्बे हाईकोर्ट देशमुख की जमानत अर्जी पर 8 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले 25 मार्च को सुनवाई में हाईकोर्ट ने देशमुख की जमानत अर्जी पर ईडी को एक सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया था। देशमुख अभी मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली व मनी लॉन्ड्रिंग केस में फरवरी में ईडी देशमुख के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री 1992 से अपने पद का दुरुपयोग करते रहे हैं। उन्होंने अवैध तरीके से काफी पैसा व संपत्ति बनाई है। अवैध रूप से कमाया गया पैसा 13 कंपनियों में इस्तेमाल किया गया। ये कंपनियां या तो देशमुख के बेटे चला रहे हैं या उनके निकट सहयोगी।
आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि देशमुख से कई सरकारी कर्मचारी भी जुड़े थे और वह उनके जरिए काम कराते थे। ईडी ने अब तक इस मामले में 51 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें कई आईएएस, आईपीएस अधिकारी, सीए, राजनीतिज्ञ व बार मालिक शामिल हैं। ईडी के आरोप पत्र में कहा गया है कि मुंबई के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने कहा है कि देशमुख ने गृह मंत्री रहते हुए उनका 16 साल पुराना निलंबन खत्म कर उन्हें बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये रिश्वत मांगी थी।
ईडी का आरोप है कि देशमुख वाजे के नियमित संपर्क में थे और मुंबई के बारों, होटलों, रेस्त्रां व संस्थानों से हर माह 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के इस गिरोह से दोनों जुड़े थे। ईडी का कहना है कि देशमुख के परिजन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनका बेटे ऋषिकेश देशमुख व सलील देशमुख तथा उनकी पत्नी आरती देशमुख जांच समन के बाद भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रहे हैं। देशमुख को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली का लक्ष्य दिए जाने के आरोप के बाद नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र सरकार की याचिका खारिज
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी जिसमें पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की इजाजत मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने हाईकोर्ट के 15 दिसंबर, 2021 के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि याचिका पूरी तरह से अनुचित है। यह रेड हियरिंग है। हमें उम्मीद राज्य सरकार कुछ समझ दिखाएगी, लेकिन यह पूरी तरह से अलग लड़ाई है।