मध्यप्रदेश में सियासी हालात दिन ब दिन बदलते और बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार बंगलुरू में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हिरासत में लिए जाने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भोपाल में भाजपा कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता बाहर लगी बैरिकेडिंग तोड़कर भाजपा कार्यालय में घुस गए, इस दौरान दोनों पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और हंगामा बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इधर, भाजपा कार्यकर्ता भी बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गए और हंगामा किया। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने तमाम सियासी उठापटक के बीच राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने का भी एलान किया है।
भाजपा कार्यालय पर कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के बाद डीआईजी इरशाद वली मौके पर पहुंचे और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बात की।
हबीबगंज थाने पर जुटे भाजपा कार्यकर्ता
भाजपा कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन से नाराज भाजपा कार्यकर्ता देर शाम उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए बड़ी संख्या में हबीबगंज पुलिस स्टेशन पहुंच गए।
राज्यमंत्री का दर्जा दिया
इस बीच मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य महिला आयोग के पांच सदस्य, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के दो सदस्य और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के प्रत्येक सदस्य को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।
उधर, सीहोर में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का विरोध-प्रदर्शन के लिए जा रहे कार्यकर्ताओं को क्रिसेंट रिसोर्ट पर रोक लिया गया। वह भजन गाते हुए और फूल लेकर विरोध-प्रदर्शन के लिए जा रहे थे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के सीहोर स्थित रिसोर्ट में क्रिकेट खेलने की तस्वीर सामने आई। यह वही रिसोर्ट हैं जहां भाजपा ने अपने विधायकों को ठहराया हुआ है।
दिग्विजय सिंह की याचिका हाईकोर्ट में खारिज
मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच बुधवार सुबह बंगलूरू में भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा। वहीं दूसरी ओर सिंह की ओर से दाखिल बंगलूरू में ठहरे कांग्रेस विधायकों से मुलाकात कराने का स्थानीय पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कोर्ट से कहा था कि वह मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मुलाकात करने के लिए बंगलूरू पुलिस को निर्देश जारी करे।
बुधवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस कर दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की जानकारी दी थी। इस दौरान उन्होंने भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना भी साधा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा निर्वाचित सरकार को गिराने में व्यस्त है।
हालांकि हमने मध्य प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की उसकी योजना को सफलतापूर्वक विफल कर दिया, लेकिन हमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निराश किया, जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए एक बहुत ही सफल करियर बनाया। हमने कभी यह उम्मीद नहीं की कि वह हमें धोखा देंगे और बीजेपी से हाथ मिला लेंगे।
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें बंगलूरू में मौजूद मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मिलने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मैंने उपवास पर रहने का फैसला किया है और उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही इस पर विचार करूंगा।
भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा पत्र
मध्य प्रदेश बीजेपी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार दिग्विजय सिंह, रामदा होटल में ठहरे विधायकों पर उनके पक्ष में वोट करने का दबाव डालने के लिए बंगलूरू गए हैं, यह मॉडल कोड का उल्लंघन है।
पत्र में आगे कहा गया है कि इसलिए अनुरोध है कि दिग्विजय सिंह (कांग्रेस नेता) और अन्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि राज्यसभा चुनाव शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से हो सकें।
इससे पहले बुधवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बंगलूरू के रामदा होटल के पास बागी विधायकों से मिलने को लेकर धरने पर बैठ गए थे। जहां से पुलिस ने उन्हें हटाया और थाने लेकर गई थी। उन्हें बंगलूरू पुलिस ने एहतियातन हिरासत में लिया था, जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।
उनके साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया भी इस दौरान मौजूद थे। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना था कि जरूरत पड़ने पर वह बंगलूरू जा सकते हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने तीन नए जिलों के गठन को मंजूरी दे दी थी।
कमलनाथ कैबिनेट का बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश सरकार ने तीन नए जिलों के गठन को मंजूरी दे दी है। कांग्रेस विधायक काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। चाचौड़ा, नागदा और मैहर नए जिले बनेंगे।
कांग्रेस के 22 विधायकों ने पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
बंगलूरू के रमादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महानिदेशक से अनुरोध किया है कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी कांगेस नेता/सदस्य को उनसे मिलने न दिया जाए।
दिग्विजय को हिरासत में लेने को कमलनाथ ने बताया हिटलरशाही
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बंगलूरू पुलिस द्वारा हिरासत में लेने को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तानाशाही और हिटलरशाही बताया है। सिंह ने आज बंगलूरू के रामादा होटल के पास धरना दिया था। वह विधायकों से मिलने की मांग पर अड़े थे। जहां से पुलिस ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया।
लालजी टंडन से मिलेगा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडलट
कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दोपहर 1.45 बजे मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करेगा।
बंधक विधायकों से मिलने की दी जाए इजाजत
कमलनाथ से जब पूछा गया कि क्या वह बंगलूरू के रामादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस विधायकों से मिलने के लिए जाएंगे तो उन्होंने कहा, यदि जरुरत पड़ती है तो मैं जरूर जाऊंगा। वहीं ट्वीट के जरिए उन्होंने कथित तौर पर बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा करने की मांग की। लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों व अधिकारो का दमन किया जा रहा है। हमारे हिरासत में लिए गए नेताओ को शीघ्र रिहा किया जाए और बंधक विधायकों से मिलने की इजाजत दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस विधायक की याचिका पर सुनवाई से किया मना
कांग्रेस के विधायक मनोज चौधरी के भाई की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। याचिका में उन्होंने अपने भाई की रिहाई की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि उनके भाई मनोज के साथ अन्य विधायकों को कर्नाटक के भाजपा और राज्य पुलिस के सदस्यों द्वारा जबरदस्ती कैद में रखा गया है।
दो घंटे बाद दिग्विजय को कहीं और ले जा रही है पुलिस
दो घंटे तक अमरुताहल्ली पुलिस स्टेशन से कहीं और लेकर जा रही है। सिंह ने कहा, 'मुझे नहीं पता हमें कहा ले जाया जा रहा है। मुझे मेरे विधायकों से मिलने दिया जाना चाहिए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे।'
पार्टी विधायकों से मिलने आए हैं दिग्विजय
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा, 'दिग्विजय सिंह हमारी पार्टी के विधायकों से मिलने आए हैं। एक विधायक ने उनसे फोन के जरिए संपर्क करके उसे मुक्त कराने का अनुरोध किया। पुलिस के पास उन्हें रोकने का कोई अधिकार नहीं है। वे उच्च अधिकारियों से अनुरोध करना चाहते हैं क्योंकि ये लोग मुख्यमंत्री के निर्देशों पर काम कर रहे हैं।'
भूख हड़ताल पर बैठे दिग्विजय
बंगलूरू पुलिस दिग्विजय को अमरुतहल्ली पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची है। जहां उन्हें एहतियातन पुलिस हिरासत में रखा गया है। सिंह का कहना है कि वह अब भूख हड़ताल पर हैं। वह रामादा होटल के पास विधायकों से मिलने के लिए धरने पर बैठे हुए थे। जहां से पुलिस ने उन्हे हटा दिया है।
भाजपा सरकार कर रही शक्तियों का दुरुपयोग
कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार ने कहा, 'राज्य की भाजपा सरकार शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। हमारी अपनी राजनीतिक रणनीति है। हमें पता है कि इस परिस्थिति को कैसे संभालना है। वह यहां अकेले नहीं हैं। मैं यहां हूं। मुझे पता है कि उनका साथ कैसे देना है, लेकिन मैं कर्नाटक में कानून व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं चाहता।'
विधायकों से मिलने नहीं दे रही है पुलिस
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुलिस हमें अपने विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्यप्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं। 26 मार्च को मतदान होना है। मेरे विधायकों को यहां रखा गया है। वे मुझसे बात करना चाहते हैं, उनके फोन छीन लिए गए हैं। पुलिस मुझे यह बोलने नहीं दे रही है कि विधायकों के लिए सुरक्षा का खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई में कांग्रेस, मप्र सरकार, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस पर चौहान के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, यह लोकतंत्र का उपहास उड़ाने का जीता-जागता उदाहरण है। जानकारी के बावजूद दूसरा पक्ष उपस्थित नहीं है।
इस पर पीठ ने कहा, हमें पहले नोटिस देना होगा। इस पर रोहतगी ने कहा, दूसरा पक्ष देरी ही चाहता है। हालांकि पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और सीएम कमलनाथ सहित अन्य को जवाब देने का निर्देश दिया। अब इसपर बुधवार सुबह 10:30 बजे इस पर सुनवाई होगी।
बागी विधायकों ने की थी प्रेस कांफ्रेंस
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को बंगलूरू में मौजूद बागी कांग्रेसी विधायकों ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। हम भोपाल लौटने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें केंद्रीय सुरक्षा दी जाए।
वहीं भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इसपर अभी विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने पर कहा कि वह अपनी मर्जी से आए हैं। बागी विधायकों ने कहा, 'हमें मजबूरी में साथ छोड़ना पड़ा। हम बंधक नहीं हैं, अपनी इच्छा से यहां आए हैं।
मध्यप्रदेश में सियासी हालात दिन ब दिन बदलते और बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार बंगलुरू में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हिरासत में लिए जाने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भोपाल में भाजपा कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता बाहर लगी बैरिकेडिंग तोड़कर भाजपा कार्यालय में घुस गए, इस दौरान दोनों पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और हंगामा बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इधर, भाजपा कार्यकर्ता भी बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गए और हंगामा किया। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने तमाम सियासी उठापटक के बीच राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने का भी एलान किया है।
भाजपा कार्यालय पर कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के बाद डीआईजी इरशाद वली मौके पर पहुंचे और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बात की।
हबीबगंज थाने पर जुटे भाजपा कार्यकर्ता
भाजपा कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन से नाराज भाजपा कार्यकर्ता देर शाम उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए बड़ी संख्या में हबीबगंज पुलिस स्टेशन पहुंच गए।
राज्यमंत्री का दर्जा दिया
इस बीच मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य महिला आयोग के पांच सदस्य, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के दो सदस्य और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के प्रत्येक सदस्य को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।
उधर, सीहोर में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का विरोध-प्रदर्शन के लिए जा रहे कार्यकर्ताओं को क्रिसेंट रिसोर्ट पर रोक लिया गया। वह भजन गाते हुए और फूल लेकर विरोध-प्रदर्शन के लिए जा रहे थे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के सीहोर स्थित रिसोर्ट में क्रिकेट खेलने की तस्वीर सामने आई। यह वही रिसोर्ट हैं जहां भाजपा ने अपने विधायकों को ठहराया हुआ है।
दिग्विजय सिंह की याचिका हाईकोर्ट में खारिज
मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच बुधवार सुबह बंगलूरू में भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा। वहीं दूसरी ओर सिंह की ओर से दाखिल बंगलूरू में ठहरे कांग्रेस विधायकों से मुलाकात कराने का स्थानीय पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कोर्ट से कहा था कि वह मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मुलाकात करने के लिए बंगलूरू पुलिस को निर्देश जारी करे।
बुधवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस कर दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की जानकारी दी थी। इस दौरान उन्होंने भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना भी साधा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा निर्वाचित सरकार को गिराने में व्यस्त है।
हालांकि हमने मध्य प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की उसकी योजना को सफलतापूर्वक विफल कर दिया, लेकिन हमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निराश किया, जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए एक बहुत ही सफल करियर बनाया। हमने कभी यह उम्मीद नहीं की कि वह हमें धोखा देंगे और बीजेपी से हाथ मिला लेंगे।
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें बंगलूरू में मौजूद मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मिलने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मैंने उपवास पर रहने का फैसला किया है और उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही इस पर विचार करूंगा।
भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा पत्र
मध्य प्रदेश बीजेपी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार दिग्विजय सिंह, रामदा होटल में ठहरे विधायकों पर उनके पक्ष में वोट करने का दबाव डालने के लिए बंगलूरू गए हैं, यह मॉडल कोड का उल्लंघन है।
पत्र में आगे कहा गया है कि इसलिए अनुरोध है कि दिग्विजय सिंह (कांग्रेस नेता) और अन्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि राज्यसभा चुनाव शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से हो सकें।
इससे पहले बुधवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बंगलूरू के रामदा होटल के पास बागी विधायकों से मिलने को लेकर धरने पर बैठ गए थे। जहां से पुलिस ने उन्हें हटाया और थाने लेकर गई थी। उन्हें बंगलूरू पुलिस ने एहतियातन हिरासत में लिया था, जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।
उनके साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया भी इस दौरान मौजूद थे। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना था कि जरूरत पड़ने पर वह बंगलूरू जा सकते हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने तीन नए जिलों के गठन को मंजूरी दे दी थी।
कमलनाथ कैबिनेट का बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश सरकार ने तीन नए जिलों के गठन को मंजूरी दे दी है। कांग्रेस विधायक काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। चाचौड़ा, नागदा और मैहर नए जिले बनेंगे।
कांग्रेस के 22 विधायकों ने पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
बंगलूरू के रमादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महानिदेशक से अनुरोध किया है कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी कांगेस नेता/सदस्य को उनसे मिलने न दिया जाए।
दिग्विजय को हिरासत में लेने को कमलनाथ ने बताया हिटलरशाही
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बंगलूरू पुलिस द्वारा हिरासत में लेने को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तानाशाही और हिटलरशाही बताया है। सिंह ने आज बंगलूरू के रामादा होटल के पास धरना दिया था। वह विधायकों से मिलने की मांग पर अड़े थे। जहां से पुलिस ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया।
लालजी टंडन से मिलेगा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडलट
कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दोपहर 1.45 बजे मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करेगा।
बंधक विधायकों से मिलने की दी जाए इजाजत
कमलनाथ से जब पूछा गया कि क्या वह बंगलूरू के रामादा होटल में ठहरे हुए कांग्रेस विधायकों से मिलने के लिए जाएंगे तो उन्होंने कहा, यदि जरुरत पड़ती है तो मैं जरूर जाऊंगा। वहीं ट्वीट के जरिए उन्होंने कथित तौर पर बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा करने की मांग की। लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों व अधिकारो का दमन किया जा रहा है। हमारे हिरासत में लिए गए नेताओ को शीघ्र रिहा किया जाए और बंधक विधायकों से मिलने की इजाजत दी जाए।