अभी असम-मेघालय के बीच सीमा विवाद थमा नहीं था कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद मामले में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री आमने सामने आ गए हैं। इस बीच मुंबई के माहिम बस स्टॉप पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पोस्टर पर काली स्याही लगी दी। वहीं अब इससे विवाद और बढ़ने की आशंका है।
इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत राज्यों का संघ है। हर राज्य का अपना अधिकार है। कानून बहुत स्पष्ट है और यह संबंधित सरकारों का कर्तव्य है कि वे शांति, कानून और व्यवस्था बनाए रखें और देखें कि राज्यों में शांति और अमन-चैन बनी रहेगी।
संजय राउत ने कही यह बात
मामले में राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि हमें कर्नाटक से कोई समस्या नहीं है, उन गांवों में रहने वाले लोग महाराष्ट्र में शामिल होना चाहते हैं। महा राज्यपाल और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शिवाजी का अपमान किया, इसलिए उन्होंने इस मुद्दे को उठाया है। न हम शिवाजी का अपमान सहेंगे और न एक इंच राज्य देंगे।
दोनों राज्यों के सचिवों ने की बात
कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच बढ़ते सीमा विवाद को देखते हुए कर्नाटक के गृह विभाग के सचिव रजनीश गोयल ने महाराष्ट्र के गृह सचिव से फोन पर बात की। जानकारी के मुातबिक, इस दौरान महाराष्ट्र में कन्नड़ लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर चर्चा हुई।
यूसीसी के बारे में गंभीरता से किया जा रहा विचार
इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। भाजपा के घोषणा पत्र की प्रमुख बातों में यह मुद्दा रहा है। अन्य राज्यों में इसे लागू करने के लिए समितियां बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, राज्य में हम भी सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं।
सिद्धारमैया ने भाजपा पर किया पलटवार
राज्य में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गरीबों और दलितों के लिए किया ही क्या है? उन्होंने आरक्षण का विरोध किया था। उन्होंने अल्पसंख्यकों, मंडल कमीशन का विरोध किया था। उन्होंने हर चीज का विरोध किया। भाजपा सामाजिक न्याय के पक्ष में कभी नहीं रही और वह भविष्य में भी इसका समर्थन नहीं करेगी। अब वह ड्रामा कर रही है। क्या आजादी की लड़ाई में किसी संघ के व्यक्ति ने कुर्बानी दी? तथ्य तो यह है कि वे सब अंग्रेजों से मिले हुए थे।