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India to host conclave of top security officials of Central Asian countries on Today
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NSA Level Conclave: एनएसए डोभाल बोले- अफगानिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क का बना रहना चिंता का विषय
पीटीआई, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 06 Dec 2022 03:33 PM IST
सार
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यह पहली बार है जब भारत मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन में अफगानिस्तान में उभरती सुरक्षा स्थिति और उस देश से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई।
भारत आज पहली बार कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के एक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन में अफगानिस्तान में उभरती सुरक्षा स्थिति और उस देश से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई। इसके अलावा मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी पर भी चर्चा की गई। इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने की। NSA डोभाल ने इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क का बना रहना चिंता का विषय है। वित्त पोषण आतंकवाद की जीवनदायिनी है और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करना हम सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं को सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए। डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान हम सबके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। तत्काल प्राथमिकताओं और आगे के रास्ते के संबंध में भारत की चिंताएं और इस जुड़े उद्देश्य हम सभी के लिए समान हैं।
मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकता
एनएसए डोभाल ने कहा कि मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। हम इस क्षेत्र में सहयोग, निवेश और कनेक्टिविटी बनाने के लिए तैयार हैं। कनेक्टिविटी का विस्तार करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पहल परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी हों।
भारत पहली बार मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मेजबानी कर रहा
पिछले साल नवंबर में भारत ने अफगानिस्तान की स्थिति पर एक क्षेत्रीय वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के एनएसए ने भाग लिया था। लेकिन यह पहली बार है जब भारत मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मेजबानी कर रहा है।
भारत और मध्य एशियाई देशों की एक सोच: मराट इमानकुलोव
किर्गिज सुरक्षा परिषद के सचिव, मराट इमानकुलोव ने कहा कि मध्य एशियाई देशों और भारत का आतंकवाद, उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने और अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता पर इसके प्रभाव को हल करने के उपायों को विकसित करने में एक समान रुचि है।
भारत मध्य एशियाई देशों को एशिया का दिल मानता है
भारत मध्य एशियाई देशों को एशिया का दिल मानता है। ये देश शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य भी हैं। हम व्यापक तरीके से सहयोग को आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह बैठक भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। अफगानिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव को लेकर भारत और मध्य एशियाई देशों की साझा चिंताएं हैं।
मध्य एशियाई देश सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन और विभिन्न आतंकवादी समूहों से इसके संबंधों से अवगत हैं। लेकिन कुछ कारणों से, ये देश सार्वजनिक रूप से आतंकवाद का समर्थन करने वाले समूहों या देश का नाम नहीं लेते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच आतंकवाद और कट्टरता के खतरे का मुकाबला करने के दृष्टिकोण में समानताएं हैं और इस बैठक में इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। अफगानिस्तान के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले मध्य एशियाई देश पिछले साल की घटनाओं (तालिबान के सत्ता पर कब्जा) के प्रभाव को महसूस कर रहे हैं।
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अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति पर की गई चर्चा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक की संयुक्त विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें बताया गया है कि बैठक में एनएसए और सचिवों ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति से उत्पन्न स्थिरता और इसके प्रभाव पर चर्चा की। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों ने शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन को दोहराया।
आगे विज्ञप्ति में कहा कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को आश्रय देने प्रशिक्षण देने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही अफगानिस्तान के लोगों की बिगड़ती मानवीय स्थिति को सहायता प्रदान करने के लिए जरूरी कामों पर ध्यान देने पर जोर दिया। साथ ही बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषद सचिवों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़े शब्दों में निंदा की और इस खतरे से लड़ने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता को लेकर भी चर्चा की।
इन देशों के सचिवों ने भी रखी अपनी बात
ताजिकिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव नसरूलो महमूदजोदा ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अस्थिरता और अनिश्चितता की पृष्ठभूमि के खिलाफ साइबर अपराध, साइबर आतंकवाद और पर्यावरण और जैविक खतरों सहित नई चुनौतियां और खतरे उभर रहे हैं। उनके बारे में बात करते हुए कहा कि धार्मिक कट्टरवाद की अत्यधिक विनाशकारी विचारधारा तेजी से आगे बढ़ रही है।
किर्गिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव, मराट इमानकुलोव के अनुसार, आतंकवाद, उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए रणनीति स्थापित करने में, मध्य एशियाई देश और भारत मिलकर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के लिए आतंकवाद के वित्तपोषण के मुद्दे को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ "राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों" की उद्घाटन बैठक को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
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