आशीष तिवारी, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Fri, 12 Mar 2021 02:00 PM IST
बहुत जल्द ही भारत के जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में जाना है, उनका प्रक्षिक्षण पूरा होने वाला है। यानी कि कुछ दिनों बाद इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद यह सब यात्री गगनयान से अंतरिक्ष में निकल जाएंगे।
अंतरिक्ष विभाग के मुताबिक इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग रूस में चल रही है। रूस में होने वाली ट्रेनिंग के दौरान ये सभी चारों अंतरिक्ष यात्री शुरुआती दौर के प्रशिक्षण को पूरा कर चुके हैं। शुरुआती दौर के प्रशिक्षण में सभी अंतरिक्ष यात्रियों को सिखाया जा चुका है कि कैसे अंतरिक्ष यान में जिंदा रहना है। रूस में चल रही इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग के बाद गगनयान के माध्यम से इनको अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
मिशन गगनयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना की लागत करीब 10,000 करोड़ रुपये है। भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन इसरो के ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर के तय लक्ष्य के मुताबिक अगले साल तक अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है। जिन चार लोगों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है यह उसी मिशन का हिस्सा है।
गगनयान भारत का मानव युक्त अंतरिक्षयान है। मिशन गगनयान योजना के तहत जो अंतरिक्ष यात्री अगले साल अंतरिक्ष में जाएंगे वह सात दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे। गगनयान पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर रहकर पूरी पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इस दौरान अंतरिक्ष की तमाम जानकारियों को मिशन गगनयान के माध्यम से एकत्रित किया जाएगा।
विस्तार
बहुत जल्द ही भारत के जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में जाना है, उनका प्रक्षिक्षण पूरा होने वाला है। यानी कि कुछ दिनों बाद इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद यह सब यात्री गगनयान से अंतरिक्ष में निकल जाएंगे।
अंतरिक्ष विभाग के मुताबिक इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग रूस में चल रही है। रूस में होने वाली ट्रेनिंग के दौरान ये सभी चारों अंतरिक्ष यात्री शुरुआती दौर के प्रशिक्षण को पूरा कर चुके हैं। शुरुआती दौर के प्रशिक्षण में सभी अंतरिक्ष यात्रियों को सिखाया जा चुका है कि कैसे अंतरिक्ष यान में जिंदा रहना है। रूस में चल रही इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग के बाद गगनयान के माध्यम से इनको अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
मिशन गगनयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना की लागत करीब 10,000 करोड़ रुपये है। भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन इसरो के ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर के तय लक्ष्य के मुताबिक अगले साल तक अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है। जिन चार लोगों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है यह उसी मिशन का हिस्सा है।
गगनयान भारत का मानव युक्त अंतरिक्षयान है। मिशन गगनयान योजना के तहत जो अंतरिक्ष यात्री अगले साल अंतरिक्ष में जाएंगे वह सात दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे। गगनयान पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर रहकर पूरी पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इस दौरान अंतरिक्ष की तमाम जानकारियों को मिशन गगनयान के माध्यम से एकत्रित किया जाएगा।