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Group M Assessment Report : Bright future of print and digital media in India, expenditure on advertising will cross one lakh crore mark
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आकलन : सुनहरा है देश में प्रिंट मीडिया का भविष्य, एक लाख करोड़ को पार कर जाएगा मीडिया में दिए विज्ञापन पर खर्च
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली/मुंबई।
Published by: योगेश साहू
Updated Sat, 19 Feb 2022 04:19 AM IST
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता व पहुंच बेहतर है। देश में खरीदकर अखबार पढ़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2013 में देश में समाचार पत्रों की संख्या 5767 थी जो 2015 में 7871 हो गई। आडिट ब्यूरो आफ सर्कुलेशन की इस माह जारी रिपोर्ट दिखाती है कि एक दशक में अखबार तेजी से बढ़े हैं।
मीडिया (प्रतीकात्क तस्वीर)
- फोटो : iStock
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वर्ष 2022 में भारत में मीडिया में दिए जाने वाले विज्ञापनों पर खर्च एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा। साथ ही, विज्ञापन माध्यम के तौर पर डिजिटल मीडिया आमदनी के मामले में टीवी से आगे निकल जाएगा। कुल जारी होने वाले विज्ञापनों का 45 फीसदी डिजिटल माध्यमों को मिलेगा और प्रिंट की भी हिस्सेदारी अच्छी रहेगी। ग्रुप एम के वर्ष 2022 के लिए ताजा वार्षिक आकलन में यह भविष्यवाणी की गई है।
रिपोर्ट को दिस ईयर, नेक्स्ट ईयर 2022 नाम दिया गया है। इसके मुताबिक विज्ञापनों पर इस वर्ष कुल 1,07,987 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वर्ष 2021 में जो खर्च किया गया है यह उससे 22 फीसदी ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ते दस बाजारों में भारत शामिल है। आकार के मामले में इसकी मौजूदा रैकिंग 9 है और विज्ञापन पर बढ़ते खर्च में वर्ष 2022 में 5वीं होगी।
इस वर्ष प्रिंट मीडिया काफी अच्छी बढ़त हासिल करेगा। विज्ञापन के मामले में हर माध्यम की अपनी खासियत है भले वह डिजिटल हो या प्रिंट। सबसे महत्वपूर्ण बात प्रिंट के साथ विश्वसनीयता है। इससे किसी भी ब्रांड को अपने आप अच्छा बाजार हासिल हो जाता है। दिलचस्प यह कि डिजिटल फर्स्ट कंपनियां भी अपने विज्ञापन प्रिंट में पिछले दो साल से दे रही हैं।
सबसे महत्वपूर्ण तो विज्ञापन की दुनिया में डिजिटल का प्रिंट से आगे निकल जाना है। रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल मीडिया पर होने वाला खर्च इस वर्ष 33 फीसदी की दर से 48,603 करोड़ रुपये हो जाएगा। प्रिंट में भारत में विज्ञापनों पर 2021 में 12067 करोड़ रुपये खर्च हुए और 2022 में यह आंकड़ा 12667 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।
विश्वसनीय हैं समाचार पत्र
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता व पहुंच बेहतर है। देश में खरीदकर अखबार पढ़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2013 में देश में समाचार पत्रों की संख्या 5767 थी जो 2015 में 7871 हो गई। आडिट ब्यूरो आफ सर्कुलेशन की इस माह जारी रिपोर्ट दिखाती है कि एक दशक में अखबार तेजी से बढ़े हैं। अखबार 2006 में 3.91 करोड़ प्रतियों से बढ़कर 2016 में 6.28 करोड़ प्रतियां तक पहुंच गए हैं। यह 60 फीसदी की बढ़त है।
ऐसा दुनिया में और कहीं नहीं हुआ है। भारत में वर्ष 2015 में अखबारों ने 12 फीसदी, यूके और अमेरिका में 7 फीसदी व जर्मनी और फ्रांस में तीन-तीन फीसदी बढ़त दर्ज की जबकि इसी दौरान इंटरनेट का प्रसार भी दस से बढ़कर 30 फीसदी हुआ। इसकी एक वजह साक्षरता दर में बढ़ोतरी भी है। ऐसे देश में जहां इंटरनेट हर समय उपलब्ध नहीं रहता अखबार ही ऐसा माध्यम है जो लोगों को खबरों से जोड़ता है।
प्रिंट से डिजिटल को मजबूती
प्रिंट नेटवर्क अपना दायरा बेहतरीन सामग्री की वजह से हर प्लेटफॉर्म पर बढ़ाता जा रहा है। साथ ही डिजिटल को भी प्रिंट से मजबूती मिलती है। वेब एडिशन और एप के अलावा पाडकास्ट भी माध्यम है।
महामारी में डिजिटल आगे बढ़ा
महामारी ने विज्ञापनदाताओं को डिजिटल की तरफ आकर्षित किया है, इसी वजह से सबसे बड़ा हिस्सा इस प्लेटफॉर्म को मिला। डिजिटल में इस वजह से नवोन्मेष भी हुए। किराना दुकानों और डिलीवरी बॉय की वजह से ही कोरोना महामारी में लोगों की जरूरतें पूरी हो पाईं। इससे डिजिटल माध्यमों का प्रसार बढ़ा। - प्रशांत कुमार, सीईओ, ग्रुप एम, दक्षिण एशिया
सभी मीडिया को होगा फायदा
वर्ष 2022 भारत में विज्ञापनों पर होने वाले खर्च के मामले में मील का पत्थर साबित होगा। इसकी वजह एक लाख करोड़ रुपये तक इस खर्च का पहुंचना है। इससे मीडिया के सभी प्लेटफार्म को फायदा होगा। सभी ब्रांडों ने महामारी से सबक लिए हैं। - सिद्धार्थ पाराशर, प्रेसीडेंट, इनवेस्टमेंट एंड प्राइसिंग, ग्रुप एम इंडिया
पारंपरिक मीडिया को भी बढ़त
कंपनियां और ब्रांड का तेजी से डिजिटल रूपांतरण हो रहा है, उपभोक्ताओं से वे जिस तरह से जुड़ रहे हैं, उससे विज्ञापनों पर होने वाले खर्च में वृद्धि को देखा जा सकता है, यहां तक कि पारंपरिक मीडिया को भी बढ़त मिल रही है। - अश्विन पद्मनाभन, प्रेसीडेंट, पार्टनरशिप एंड ट्रेडिंग, ग्रुप एम इंडिया
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