न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 18 Sep 2021 09:31 PM IST
केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत मिली। अब कंपनियां महीने में 15 दिनों तक किराया तय कर सकती हैं। इसके अलावा बाकी 15 दिनों तक उन्हें सरकार द्वारा तय किए गए किराए बैंड के अनुसार ही चलना होगा।
किराए बैंड के तहत सरकार अब तक सबसे कम और सबसे ज्यादा किराए की लिमिट तय कर रही थी, लेकिन अब इसमें छूट दी गई है। अब सरकार महीने में 15 दिन ही यह लिमिट तय करेगी, जबकि बाकी 15 दिनों तक एयरलाइंस कंपनियां इसे अपने हिसाब से तय कर सकेंगी।
इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्री क्षमता को 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया है। यानी अब घरेलू उड़ानों में पहले की तुलना में अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से एयरलाइंस कंपनियां काफी ज्यादा प्रभावित हुई हैं। लॉकडाउन के चलते कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
पिछले साल कोरोना महामारी के दस्तक देने पर विमान सेवाओं को रोक दिया गया था। कई महीने तक सेवा बंद रहने के बाद घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू तो हुईं, लेकिन यात्री संख्या को 50 फीसदी कर दिया गया। बाद में इसे 72.5 फीसदी कर दिया गया। अब मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया है। इससे कंपनियों को कुछ राहत जरूर मिलेगी।
विस्तार
केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत मिली। अब कंपनियां महीने में 15 दिनों तक किराया तय कर सकती हैं। इसके अलावा बाकी 15 दिनों तक उन्हें सरकार द्वारा तय किए गए किराए बैंड के अनुसार ही चलना होगा।
किराए बैंड के तहत सरकार अब तक सबसे कम और सबसे ज्यादा किराए की लिमिट तय कर रही थी, लेकिन अब इसमें छूट दी गई है। अब सरकार महीने में 15 दिन ही यह लिमिट तय करेगी, जबकि बाकी 15 दिनों तक एयरलाइंस कंपनियां इसे अपने हिसाब से तय कर सकेंगी।
इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्री क्षमता को 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया है। यानी अब घरेलू उड़ानों में पहले की तुलना में अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से एयरलाइंस कंपनियां काफी ज्यादा प्रभावित हुई हैं। लॉकडाउन के चलते कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
पिछले साल कोरोना महामारी के दस्तक देने पर विमान सेवाओं को रोक दिया गया था। कई महीने तक सेवा बंद रहने के बाद घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू तो हुईं, लेकिन यात्री संख्या को 50 फीसदी कर दिया गया। बाद में इसे 72.5 फीसदी कर दिया गया। अब मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया है। इससे कंपनियों को कुछ राहत जरूर मिलेगी।