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Ex Army chief Bikram Singh says India must be cautious in dealing with US
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पूर्व सेना प्रमुख बोले : रक्षा सहयोगी के तौर पर अमेरिका भरोसेमंद नहीं, भारत को रहना चाहिए सतर्क
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Fri, 25 Nov 2022 06:42 AM IST
सार
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अमेरिका अपने सभी बाहरी सैन्य हस्तक्षेपों में विफल रहा है और इसका एक मुख्य कारण यह था कि अमेरिका अपना काम दूसरों को आउटसोर्स कर रहा है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने भारत को अमेरिका से सतर्क रहने की सलाह दी है। एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के दौरान जनरल सिंह ने गुरुवार को कहा कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने अभी तक करीबी सहयोगियों के प्रति अपनी विश्वसनीयता साबित नहीं की है।
रणनीतिक और रक्षा सहयोगियों के साथ कभी भी अमेरिका ने खुद को भरोसेमंद नहीं किया साबित
उन्होंने कहा कि भारत क्वाड ग्रुपिंग का सदस्य होने के बावजूद अमेरिका से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने बीते कुछ सालों में भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। उसके बाद भी अमेरिका के साथ सतर्कता के साथ आगे बढ़ें, क्योंकि रणनीतिक और रक्षा सहयोगियों के साथ कभी भी अमेरिका ने खुद को भरोसेमंद नहीं बनाया है।
अमेरिका अपने सभी बाहरी सैन्य हस्तक्षेपों में रहा है विफल
24वें सेना प्रमुख और 31 मई 2012 से 31 जुलाई 2014 के बीच सेवा करने वाले जनरल सिंह ने अमेरिका के साथ रणनीतिक व्यवहार में सतर्क दृष्टिकोण के अपने आह्वान को समझाते हुए कहा कि अमेरिका ने वियतनाम से अपनी सेना को दो बार निकाला है और हाल ही में अफगानिस्तान से। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सभी बाहरी सैन्य हस्तक्षेपों में विफल रहा है और इसका एक मुख्य कारण यह था कि अमेरिका अपना काम दूसरों को आउटसोर्स कर रहा है।
क्वाड का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत करना
क्वाड एक राजनयिक नेटवर्क के रूप में शुरू हुआ जो मूल रूप से पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा 2007 की शुरुआत में शुरू किया था और बाद में चार देशों के ब्लॉक के रूप में आकार ले लिया। इसका उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन के आधार पर एक मुक्त और खुले अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत करना है। क्वाड में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
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