न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 30 Nov 2021 08:29 PM IST
केंद्र सरकार ने देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण के मानकों की समीक्षा के लिए मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति गठित की। इसका प्रमुख पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय को बनाया गया है। सरकार ने समिति से आग्रह किया है कि वह तीन सप्ताह में काम पूरा कर रिपोर्ट पेश करे।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा था- आठ लाख रुपये की आय सीमा पर पुनर्विचार होगा
गत गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित आठ लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के मानदंड पर फिर से विचार करने का फैसला किया है। इस संबंध में चार सप्ताह में निर्णय लिया जाएगा। ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मानदंडों की समीक्षा के लिए समिति का गठन इसी सिलसिले में अगला कदम माना जा रहा है।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को आश्वासन दिया था कि नीट प्रवेश के लिए काउंसलिंग चार सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित कर दी जाएगी, जब तक कि ईडब्ल्यूएस मानदंड पर नया निर्णय नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहने का निर्देश है कि सरकार ने मानदंडों पर फिर से विचार करने का फैसला किया है, हम चार सप्ताह के भीतर फैसला करेंगे।'
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रगतिशील और व्यावहारिक आरक्षण है और एकमात्र सवाल यह है कि यह किस तरह से लागू हो। याचिकाकर्ताओं के वकील अरविंद दातार ने कहा कि सवाल यह है कि क्या प्रति माह 70,000 रुपये की आय को ईडब्ल्यूएस कहा जा सकता है। सीमा मुद्दे के पहलू पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि इस पर काम किया जा सकता है।
विस्तार
केंद्र सरकार ने देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण के मानकों की समीक्षा के लिए मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति गठित की। इसका प्रमुख पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय को बनाया गया है। सरकार ने समिति से आग्रह किया है कि वह तीन सप्ताह में काम पूरा कर रिपोर्ट पेश करे।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा था- आठ लाख रुपये की आय सीमा पर पुनर्विचार होगा
गत गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित आठ लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के मानदंड पर फिर से विचार करने का फैसला किया है। इस संबंध में चार सप्ताह में निर्णय लिया जाएगा। ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मानदंडों की समीक्षा के लिए समिति का गठन इसी सिलसिले में अगला कदम माना जा रहा है।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को आश्वासन दिया था कि नीट प्रवेश के लिए काउंसलिंग चार सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित कर दी जाएगी, जब तक कि ईडब्ल्यूएस मानदंड पर नया निर्णय नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहने का निर्देश है कि सरकार ने मानदंडों पर फिर से विचार करने का फैसला किया है, हम चार सप्ताह के भीतर फैसला करेंगे।'
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रगतिशील और व्यावहारिक आरक्षण है और एकमात्र सवाल यह है कि यह किस तरह से लागू हो। याचिकाकर्ताओं के वकील अरविंद दातार ने कहा कि सवाल यह है कि क्या प्रति माह 70,000 रुपये की आय को ईडब्ल्यूएस कहा जा सकता है। सीमा मुद्दे के पहलू पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि इस पर काम किया जा सकता है।