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Election Result: गुजरात-हिमाचल के नतीजों का राजस्थान से क्या संबंध? जानें गहलोत-पायलट में किसकी राह होगी आसान

Rahul Sampal राहुल संपाल
Updated Fri, 09 Dec 2022 07:36 PM IST
सार

कांग्रेस ने गुजरात के प्रदेश प्रभारी के तौर पर रघु शर्मा को तैनात किया था। सीएम गहलोत को चुनाव में बतौर सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया। शर्मा की गिनती गहलोत के करीबी नेताओं में होती है। इन दोनों नेताओं ने गुजरात में कई रैलियां की और धुंआधार प्रचार भी किया। बावजूद इसके कांग्रेस ने राज्य में ऐतिहासिक खराब प्रदर्शन किया।

अशोक गहलोत और सचिन पायलट
अशोक गहलोत और सचिन पायलट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे आ गए है। इन परिणामों का सीधा असर राजस्थान की सियासत पर पड़ा है। हिमाचल में कांग्रेस को जीत मिली तो सचिन पायलट की पीठ थपथपाई गई। गुजरात में कांग्रेस की करारी हार हुई तो सीएम अशोक गहलोत की रणनीति पर सवाल उठने लगे है। प्रदेश के राजनीतिक हलकों में इस बात के कयास जोरों पर लगाए जा रहे है कि,इन परिणामों का असर गहलोत की कुर्सी पर पड़ेगा। क्या कांग्रेस हाईकमान हिमाचल में कांग्रेस की जीत का इनाम पायलट को देगा?



दरअसल, इन दोनों राज्यों के रिजल्ट का सीधा कनेक्शन राजस्थान से है। कांग्रेस ने गुजरात के प्रदेश प्रभारी के तौर पर रघु शर्मा को तैनात किया था। सीएम गहलोत को चुनाव में बतौर सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया। शर्मा की गिनती गहलोत के करीबी नेताओं में होती है। इन दोनों नेताओं ने गुजरात में कई रैलियां की और धुंआधार प्रचार भी किया। बावजूद इसके कांग्रेस ने राज्य में ऐतिहासिक खराब प्रदर्शन किया। 2017 के विधानसभा चुनावों में गहलोत ने गुजरात में मोर्चा संभाला था। तब कांग्रेस को 77 सीटें हासिल हुई थी। लेकिन इस बार गेहलोत का जादू नहीं चल सका। चुनावों में हुई बुरी हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर पद से इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन हार पर गहलोत का कोई बयान सामने नहीं आया है।


दूसरी तरफ राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और सचिन पायलट हिमाचल चुनावों में जीत की रणनीति बनाने वालों में सबसे अहम रहे है। पार्टी ने चुनाव में उन्हें ऑब्जर्वर और स्टार प्रचारक बनाकर मैदान में उतारा था। पायलट ने कांगड़ा, मंडी, शिमला में जबरदस्त प्रचार किया। सचिन ने प्रियंका गांधी के साथ मिलकर कई रैलियों को भी संबोधित किया। पायलट ने हर सभा में मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब नेता प्रताप सिंह बजावा के साथ मिलकर पायलट ने आक्रमण चुनावी रणनीति तैयार की। पायलट प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूरे आत्मविश्वास के साथ हिमाचल प्रदेश के नेताओं को यह तक कहते हुए दिखाई दिए कि 'आप चिंता मत करो मैं हिमाचल जिताकर ही जाऊंगा..आधा काम नहीं करते हम।'
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