डीआरडीओ ने शुक्रवार को रक्षा क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने राजस्थान की पोकरण रेंज में लक्ष्य को तलाशकर भेदने वाले इनर्शियल गाइडेड बम का सफल परीक्षण किया। पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित इस 500 किलोग्राम वजनी बम ने सुखोई लड़ाकू विमान से दागे जाने के बाद 30 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण रेंज से एसयू-30 एमकेआई विमान से 500 किलोग्राम श्रेणी के इनर्शियल गाइडेड बम का उड़ान परीक्षण किया। गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक लक्ष्य पर काफी सटीक निशाना लगाया। परीक्षण के दौरान मिशन के तहत तय किए गए सभी उद्देश्य पूरे हो गए। यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है।
गौरतलब है कि गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम इस 2.5 टन वजनी इस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर की है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदती है।
बढ़ेगी वायुसेना की ताकत
500 किलोग्राम श्रेणी वाले गाइडेड बम मिलने से वायुसेना की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा। दरअसल, गाइडेड बम को लक्ष्य से काफी पहले दागा जाता है। लड़ाकू विमान से दागे जाने के बाद यह अपने लक्ष्य को तलाश करते हुए हवा में उसकी तरफ आगे बढ़ता है।
डीआरडीओ लगातार कर रहा परीक्षण
इससे पहले, डीआरडीओ ने 13 मई को ओडिशा के परीक्षण केंद्र से ‘अभ्यास’- हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण में विभिन्न रडारों और इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणाली के जरिये इसकी निगरानी की गई। 17 मई को नौसेना और डीआरडीओ ने मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
डीआरडीओ ने शुक्रवार को रक्षा क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने राजस्थान की पोकरण रेंज में लक्ष्य को तलाशकर भेदने वाले इनर्शियल गाइडेड बम का सफल परीक्षण किया। पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित इस 500 किलोग्राम वजनी बम ने सुखोई लड़ाकू विमान से दागे जाने के बाद 30 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण रेंज से एसयू-30 एमकेआई विमान से 500 किलोग्राम श्रेणी के इनर्शियल गाइडेड बम का उड़ान परीक्षण किया। गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक लक्ष्य पर काफी सटीक निशाना लगाया। परीक्षण के दौरान मिशन के तहत तय किए गए सभी उद्देश्य पूरे हो गए। यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है।
गौरतलब है कि गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम इस 2.5 टन वजनी इस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर की है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदती है।
बढ़ेगी वायुसेना की ताकत
500 किलोग्राम श्रेणी वाले गाइडेड बम मिलने से वायुसेना की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा। दरअसल, गाइडेड बम को लक्ष्य से काफी पहले दागा जाता है। लड़ाकू विमान से दागे जाने के बाद यह अपने लक्ष्य को तलाश करते हुए हवा में उसकी तरफ आगे बढ़ता है।
डीआरडीओ लगातार कर रहा परीक्षण
इससे पहले, डीआरडीओ ने 13 मई को ओडिशा के परीक्षण केंद्र से ‘अभ्यास’- हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण में विभिन्न रडारों और इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणाली के जरिये इसकी निगरानी की गई। 17 मई को नौसेना और डीआरडीओ ने मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।