दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली आईईटी के साथ एक करार किया है जिसमें संस्थान राजधानी की परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तकनीकी विकास करेगा। इसके लिए आईआईआईटी दिल्ली में एक केंद्र स्थापित किया जायेगा। इस सेंटर का नाम सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी रखा गया है। इसके लिए 6.1 करोड़ रुपये फंड की व्यवस्था की गई है। इसी प्रयास के तहत पहले ही संस्थान दिल्ली की डीटीसी बसों के लिए कांटेक्टलेस टिकटिंग की तकनीकी विकसित कर चुका है। कुल डीटीसी यात्रियों में आज प्रतिदिन 70 हजार लोग कंटैक्टलेस टिकट खरीद रहे हैं।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि इस सेंटर के जरिए तकनीक और डाटा की मदद से रिसर्च कर सार्वजनिक परिवहन को और बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। भविष्य में मेट्रो, डीटीसी, क्लस्टर, इलेक्ट्रिक बसों के रीयल टाइम लोकेशन, ईवी चार्जिंग स्टेशन के अलावा आरटीवी, ग्रामीण सेवा और ऑटो आदि को भी वन दिल्ली एप से जोड़ा जाएगा।
कैलाश गहलोत ने कहा कि कुछ महीने पहले ट्रिपल आईटी दिल्ली के साथ करार कर पूरे देश में पहली बार मोबाइल से टिकट खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई। आज कॉन्टैक्टलेस टिकटिंग के जरिए रोजाना 70 हजार टिकट खरीदी जा रही है। सभी प्रकार से खरीदी जाने वाली टिकट में इसका आंकड़ा छह प्रतिशत से ऊपर है।
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दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली आईईटी के साथ एक करार किया है जिसमें संस्थान राजधानी की परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तकनीकी विकास करेगा। इसके लिए आईआईआईटी दिल्ली में एक केंद्र स्थापित किया जायेगा। इस सेंटर का नाम सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी रखा गया है। इसके लिए 6.1 करोड़ रुपये फंड की व्यवस्था की गई है। इसी प्रयास के तहत पहले ही संस्थान दिल्ली की डीटीसी बसों के लिए कांटेक्टलेस टिकटिंग की तकनीकी विकसित कर चुका है। कुल डीटीसी यात्रियों में आज प्रतिदिन 70 हजार लोग कंटैक्टलेस टिकट खरीद रहे हैं।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि इस सेंटर के जरिए तकनीक और डाटा की मदद से रिसर्च कर सार्वजनिक परिवहन को और बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। भविष्य में मेट्रो, डीटीसी, क्लस्टर, इलेक्ट्रिक बसों के रीयल टाइम लोकेशन, ईवी चार्जिंग स्टेशन के अलावा आरटीवी, ग्रामीण सेवा और ऑटो आदि को भी वन दिल्ली एप से जोड़ा जाएगा।
कैलाश गहलोत ने कहा कि कुछ महीने पहले ट्रिपल आईटी दिल्ली के साथ करार कर पूरे देश में पहली बार मोबाइल से टिकट खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई। आज कॉन्टैक्टलेस टिकटिंग के जरिए रोजाना 70 हजार टिकट खरीदी जा रही है। सभी प्रकार से खरीदी जाने वाली टिकट में इसका आंकड़ा छह प्रतिशत से ऊपर है।