न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Updated Mon, 08 Oct 2018 04:41 AM IST
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया। पुरोहित ने कहा कि उनके राज्यपाल का कार्यभार संभालने से पहले तमिलनाडु में भारी भरकम राशि के आधार पर कुलपतियों की नियुक्ति हुई है। राज्यपाल के आरोप पर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति में राज्य सरकार या पार्टी की कोई भूमिका नहीं है।
तमिलनाडु सरकार बेदाग: उच्च शिक्षा मंत्री
शनिवार को यहां शिक्षा से जुड़े एक कार्यक्रम में राज्यपाल पुरोहित ने कहा, ‘पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ लेकिन मैंने खुद इसका पता लगाया और इसे बदलने का फैसला किया।’ राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु में योग्यता के आधार पर अब तक नौ कुलपतियों की नियुक्ति की है और कोई मेरी तरफ उंगली तक नहीं उठा सकता। सभी नियुक्ति मेरिट के आधार पर की गई है। इस पर सफाई देते हुए तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि कुलपतियों की नियुक्ति में अन्नाद्रमुक सरकार की कोई भूमिका नहीं है।’
तत्कला कार्रवाई करें राज्यपाल: पीएमके
राज्यपाल पुरोहित के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने हैरानी जताया कि राज्यपाल ने दोषियों को सजा देने के लिए क्या कदम उठाया। रामदास ने कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार की मौजूदगी का पता लगाना काफी नहीं है, यह राज्यपाल का कर्तव्य है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। रामदास के मुताबिक, तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों में कुलपति से सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति तक में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने इस साल फरवरी में इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।