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corona cases in india corona cases today in kerala karnataka maharashtra Why Kerala-Karnataka and Maharashtra have the highest number of cases corona update
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Corona Cases In India: क्या कुछ राज्यों में पहली-दूसरी लहर जैसी समानता है? केरल,कर्नाटक और महाराष्ट्र में क्यों है सबसे ज्यादा मामले?
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब देश भर में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, तब भी महाराष्ट्र और केरल ऐसे राज्य थे जहां रोजाना सबसे ज्यादा मामले आ रहे थे। महाराष्ट्र महामारी की शुरुआत से ही सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक बना हुआ है।
कोरोना जांच करती स्वास्थ्य कर्मी।
- फोटो : पीटीआई
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भारत में कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटे में 3.37 लाख केस सामने आए हैं। देश में सक्रिय मामले की संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी शनिवार के आंकड़े के मुताबिक देश के पांच सबसे अधिक संक्रमित राज्यों की बात करें तो इनमें महाराष्ट्र अब भी टॉप पर है, जहां कि बीते 24 घंटे में कुल 48,270 मरीज सामने आए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां 48,049 नए मामले सामने आए हैं। तीसरे पर केरल जहां कि 41,668 मामले सामने आए हैं।
मामलों पर गौर करें तो महाराष्ट्र और कर्नाटक में पहली और दूसरी लहर जैसी ही समानता है यानी इन राज्यों में तब भी कोरोना के अधिक मामले मिल रहे थे और तीसरी लहर में भी मिल रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी इन राज्यों में बढ़ रहे केस ने केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भारी चिंता में डाल दिया था और अब भी वही स्थिति है।
इससे पहले महाराष्ट्र का क्या हाल था?
12 सितंबर, 2020 को भारत में संक्रमण के कुल 97 हजार 570 नए मामले सामने आए थे।
यह देश का इकलौता राज्य था जहां इस दिन तक 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके थे।
उस समय देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस यहीं थे। राज्य में दो लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा था।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुंबई में सबसे अधिक लोग प्रभावित हुए थे। दूसरी लहर के दौरान शहर में एक दिन में 11000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे।
केरल-कर्नाटक की क्या तस्वीर थी?
11 सितंबर, 2020 को भारत में संक्रमण के कुल 96 हजार नए मामले सामने आए थे, जिनमें केरल में नौ हजार मामले थे।
इसके बाद जब पहली लहर कमजोर पड़ी, तब 19 जनवरी 2021 को भारत में 10 हजार नए संक्रमण के मामले थे। जिनमें अकेले केरल से चार हजार मामले थे।
ऐसा ही रूझान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान भी दिखा। छह मई, 2021 को देश भर में 4.12 लाख नए मामले सामने थे, जिनमें अकेले केरल से 10 प्रतिशत मामले थे।
इसी तरह कर्नाटक में 11 सितंबर, 2020 को कुल मामले 9,464 थे और छह मई 2021 को 49, 058 मामले थे।
अब इन तीनों राज्यों में कोरोना के मौजूदा केस पर एक नजर डालते हैं।
महाराष्ट्र- राज्यों के आंकड़ों के मुताबिक यहां शुक्रवार को कोरोना के 48 हजार 270 नए मामले सामने आए हैं। जो देश में सबसे ज्यादा है। राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2,64,388 हो गई है। हालांकि मुंबई के हालात में थोड़ा सुधार देखा जा रहा है। शुक्रवार को कोरोना के 5,008 नए केस मिले जो गुरुवार से 700 कम है।
कर्नाटक- शुक्रवार को कर्नाटक में 48,049 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए, अकेले राज्य की राजधानी बेंगलुरु में 29,068 नए केस मिले हैं। जबकि गुरुवार को यहां 47,754 नए मामले सामने आए थे। कोरोना से अब तक राज्य में 22 मौतें हो चुकी हैं। राज्य में वर्तमान में 3,23,143 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से अधिकांश बेंगलुरु से हैं।
केरल-कोरोना की पहली लहर में जिस केरल मॉडल की चर्चा पूरे देश में थी, वह ओमिक्रॉन की तीसरी लहर में ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है। यहां संक्रमण दर 37.18 प्रतिशत पहुंच गई है। वहीं एक सप्ताह की औसत दर 29.55 है। राज्य में एक लाख 68 से ज्यादा मरीज संक्रमित हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केरल में एक दिन में 43,529 कोविड मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि अभी भी केरल का उदाहरण बेहतर है। यहां कम लोगों की मौत हुई है, और राज्य सरकार ने अपना निगरानी कार्यक्रम बंद नहीं किया है, बल्कि उसे बढ़ाया है।
अब उन कारणों की पड़ताल करते हैं जिस वजह से इन राज्यों में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं।
महाराष्ट्र में लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल को मानने में ढिलाई की
दिसंबर में जब कोरोना की तीसरी लहर ने अपना सिर उठाना शुरू किया था, केंद्र सरकार ने यह चेतावनी दी थी कि तीसरी लहर के दौरान, राज्य में दूसरी लहर की तुलना में 150 प्रतिशत अधिक मामले होंगे। दूसरी लहर के चरम के दौरान, राज्य में कुल मामले 8.63 लाख थे। तीसरी लहर के अनुमान के मुताबिक, राज्य में कुल मामले 13 लाख को पार कर सकते हैं। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 14 दिसंबर को 6,481 से बढ़कर 28 दिसंबर को 11,492 हो गई और देखते ही देखते ही जनवरी के आखरी सप्ताह तक यहां नए मामलों की संख्या 48 हजार से ज्यादा हो गई है।
विशेषज्ञों ने यहां मामले बढ़ने के लिए मुंबई, ठाणे, नासिक, पुणे, सोलापुर, सांगली और सतारा में लोगों में कोरोना प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार में कमी और मानदंडों के उल्लंघन की ओर इशारा किया था। यानी लोगों ने मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी थी। दिसंबर में कोरोना के मामले जैसे ही फिर बढ़ने लगे महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लोगों को फिर मास्क पहनने और लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि इनका पालन बहुत जरूरी है। किसी भी तरह की ढिलाई बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
केरल में डेल्टा और ओमिक्रॉन ने बढ़ाई मुसीबत
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के बयान के मुताबिक राज्य में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का अत्यधिक प्रसार देखा जा रहा है। उनके मुताबिक पहली और दूसरी लहरों के ठीक विपरीत, जब राज्य में महामारी के पीक पर पहुंचने में देरी हुई थी, वहीं तीसरी लहर के प्रारंभिक चरण में ही मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों प्रकार के वैरिएंट के मामले साथ-साथ मिल रहे हैं जिससे केस में उछाल देखा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि क्रिसमस और नए साल के जश्न की वजह से केस बढ़े हैं।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक अगले तीन सप्ताह केरल के लिए महत्वपूर्ण होंगे। ऐसी संभावना है कि अगले तीन हफ्तों के भीतर, राज्य में कोरोना मामलों में एक बड़ी वृद्धि देखी जाएगी। राज्य में इस वायरस के तेजी से फैलने की आशंका है।
कर्नाटक में उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों से बढ़ा संक्रमण
कर्नाटक के लैब और कोविड टेस्टिंग के नोडल अधिकारी डॉ सीएन मंजुना ने जनवरी के पहले सप्ताह में ही कहा था कि राज्य में तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि जनवरी के अंत और फरवरी के पहले सप्ताह तक राज्य में मामले चरम पर हो सकते हैं।
वहीं कर्नाटक में कोरोना मामले बढ़ने की वजह बताते हुए जनवरी के दूसरे सप्ताह में स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने एक इंटरव्यू में कहा कि इसकी मुख्य वजह उच्च जोखिम वाले देशों और पड़ोसी राज्यों से आने वाले यात्री हैं जहां मामले अधिक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे फरवरी के मध्य तक तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
उनके मुताबिक संक्रमण का प्रकोप उन शहरों में ज्यादा हो रहा है जहां ओमिक्रॉन वैरिएंट मिल रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि महामारी की चपेट में आने के बाद, राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है।
विस्तार
भारत में कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटे में 3.37 लाख केस सामने आए हैं। देश में सक्रिय मामले की संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी शनिवार के आंकड़े के मुताबिक देश के पांच सबसे अधिक संक्रमित राज्यों की बात करें तो इनमें महाराष्ट्र अब भी टॉप पर है, जहां कि बीते 24 घंटे में कुल 48,270 मरीज सामने आए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां 48,049 नए मामले सामने आए हैं। तीसरे पर केरल जहां कि 41,668 मामले सामने आए हैं।
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भारत में कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटे में 3.37 लाख केस सामने आए हैं। देश में सक्रिय मामले की संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी शनिवार के आंकड़े के मुताबिक देश के पांच सबसे अधिक संक्रमित राज्यों की बात करें तो इनमें महाराष्ट्र अब भी टॉप पर है, जहां कि बीते 24 घंटे में कुल 48,270 मरीज सामने आए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां 48,049 नए मामले सामने आए हैं। तीसरे पर केरल जहां कि 41,668 मामले सामने आए हैं।
मामलों पर गौर करें तो महाराष्ट्र और कर्नाटक में पहली और दूसरी लहर जैसी ही समानता है यानी इन राज्यों में तब भी कोरोना के अधिक मामले मिल रहे थे और तीसरी लहर में भी मिल रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी इन राज्यों में बढ़ रहे केस ने केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भारी चिंता में डाल दिया था और अब भी वही स्थिति है।
महाराष्ट्र में कोरोना
- फोटो : पीटीआई
इससे पहले महाराष्ट्र का क्या हाल था?
12 सितंबर, 2020 को भारत में संक्रमण के कुल 97 हजार 570 नए मामले सामने आए थे।
यह देश का इकलौता राज्य था जहां इस दिन तक 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके थे।
उस समय देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस यहीं थे। राज्य में दो लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा था।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुंबई में सबसे अधिक लोग प्रभावित हुए थे। दूसरी लहर के दौरान शहर में एक दिन में 11000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे।
कोरोना वायरस और केरल
- फोटो : ट्विटर
केरल-कर्नाटक की क्या तस्वीर थी?
11 सितंबर, 2020 को भारत में संक्रमण के कुल 96 हजार नए मामले सामने आए थे, जिनमें केरल में नौ हजार मामले थे।
इसके बाद जब पहली लहर कमजोर पड़ी, तब 19 जनवरी 2021 को भारत में 10 हजार नए संक्रमण के मामले थे। जिनमें अकेले केरल से चार हजार मामले थे।
ऐसा ही रूझान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान भी दिखा। छह मई, 2021 को देश भर में 4.12 लाख नए मामले सामने थे, जिनमें अकेले केरल से 10 प्रतिशत मामले थे।
इसी तरह कर्नाटक में 11 सितंबर, 2020 को कुल मामले 9,464 थे और छह मई 2021 को 49, 058 मामले थे।
कर्नाटक के एक अस्पताल के बाहर कोरोना मरीज (फाइल फोटो)
- फोटो : ANI
अब इन तीनों राज्यों में कोरोना के मौजूदा केस पर एक नजर डालते हैं।
महाराष्ट्र- राज्यों के आंकड़ों के मुताबिक यहां शुक्रवार को कोरोना के 48 हजार 270 नए मामले सामने आए हैं। जो देश में सबसे ज्यादा है। राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2,64,388 हो गई है। हालांकि मुंबई के हालात में थोड़ा सुधार देखा जा रहा है। शुक्रवार को कोरोना के 5,008 नए केस मिले जो गुरुवार से 700 कम है।
कर्नाटक- शुक्रवार को कर्नाटक में 48,049 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए, अकेले राज्य की राजधानी बेंगलुरु में 29,068 नए केस मिले हैं। जबकि गुरुवार को यहां 47,754 नए मामले सामने आए थे। कोरोना से अब तक राज्य में 22 मौतें हो चुकी हैं। राज्य में वर्तमान में 3,23,143 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से अधिकांश बेंगलुरु से हैं।
केरल-कोरोना की पहली लहर में जिस केरल मॉडल की चर्चा पूरे देश में थी, वह ओमिक्रॉन की तीसरी लहर में ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है। यहां संक्रमण दर 37.18 प्रतिशत पहुंच गई है। वहीं एक सप्ताह की औसत दर 29.55 है। राज्य में एक लाख 68 से ज्यादा मरीज संक्रमित हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केरल में एक दिन में 43,529 कोविड मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि अभी भी केरल का उदाहरण बेहतर है। यहां कम लोगों की मौत हुई है, और राज्य सरकार ने अपना निगरानी कार्यक्रम बंद नहीं किया है, बल्कि उसे बढ़ाया है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे
- फोटो : ANI
अब उन कारणों की पड़ताल करते हैं जिस वजह से इन राज्यों में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं।
महाराष्ट्र में लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल को मानने में ढिलाई की
दिसंबर में जब कोरोना की तीसरी लहर ने अपना सिर उठाना शुरू किया था, केंद्र सरकार ने यह चेतावनी दी थी कि तीसरी लहर के दौरान, राज्य में दूसरी लहर की तुलना में 150 प्रतिशत अधिक मामले होंगे। दूसरी लहर के चरम के दौरान, राज्य में कुल मामले 8.63 लाख थे। तीसरी लहर के अनुमान के मुताबिक, राज्य में कुल मामले 13 लाख को पार कर सकते हैं। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 14 दिसंबर को 6,481 से बढ़कर 28 दिसंबर को 11,492 हो गई और देखते ही देखते ही जनवरी के आखरी सप्ताह तक यहां नए मामलों की संख्या 48 हजार से ज्यादा हो गई है।
विशेषज्ञों ने यहां मामले बढ़ने के लिए मुंबई, ठाणे, नासिक, पुणे, सोलापुर, सांगली और सतारा में लोगों में कोरोना प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार में कमी और मानदंडों के उल्लंघन की ओर इशारा किया था। यानी लोगों ने मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी थी। दिसंबर में कोरोना के मामले जैसे ही फिर बढ़ने लगे महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लोगों को फिर मास्क पहनने और लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि इनका पालन बहुत जरूरी है। किसी भी तरह की ढिलाई बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
वीना जॉर्ज
- फोटो : ANI
केरल में डेल्टा और ओमिक्रॉन ने बढ़ाई मुसीबत
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के बयान के मुताबिक राज्य में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का अत्यधिक प्रसार देखा जा रहा है। उनके मुताबिक पहली और दूसरी लहरों के ठीक विपरीत, जब राज्य में महामारी के पीक पर पहुंचने में देरी हुई थी, वहीं तीसरी लहर के प्रारंभिक चरण में ही मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों प्रकार के वैरिएंट के मामले साथ-साथ मिल रहे हैं जिससे केस में उछाल देखा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि क्रिसमस और नए साल के जश्न की वजह से केस बढ़े हैं।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक अगले तीन सप्ताह केरल के लिए महत्वपूर्ण होंगे। ऐसी संभावना है कि अगले तीन हफ्तों के भीतर, राज्य में कोरोना मामलों में एक बड़ी वृद्धि देखी जाएगी। राज्य में इस वायरस के तेजी से फैलने की आशंका है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर
- फोटो : facebook.com/DrSudhakarK.Official
कर्नाटक में उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों से बढ़ा संक्रमण
कर्नाटक के लैब और कोविड टेस्टिंग के नोडल अधिकारी डॉ सीएन मंजुना ने जनवरी के पहले सप्ताह में ही कहा था कि राज्य में तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि जनवरी के अंत और फरवरी के पहले सप्ताह तक राज्य में मामले चरम पर हो सकते हैं।
वहीं कर्नाटक में कोरोना मामले बढ़ने की वजह बताते हुए जनवरी के दूसरे सप्ताह में स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने एक इंटरव्यू में कहा कि इसकी मुख्य वजह उच्च जोखिम वाले देशों और पड़ोसी राज्यों से आने वाले यात्री हैं जहां मामले अधिक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे फरवरी के मध्य तक तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
उनके मुताबिक संक्रमण का प्रकोप उन शहरों में ज्यादा हो रहा है जहां ओमिक्रॉन वैरिएंट मिल रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि महामारी की चपेट में आने के बाद, राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है।
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