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गुजरात के खेड़ा जिले में एक कोऑपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन को 10 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में गुजरात गोसेवा और गोचर विकास बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य लोग शामिल हैं।
एसीबी ने कहा कि 10 करोड़ रुपये में से 1.01 करोड़ रुपये खेड़ा जिला स्थित कोऑपरेटिव सोसायटी आशापुरा मजूर कामदार सहकारी मंडली लिमिटेड के चेयरमैन नरेंद्र वाघेला ने हड़पे थे। बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले साल 10 करोड़ की रकम को कई कंपनियों को गैरकानूनी ढंग से भुगतान किया था। विस्तृत जांच के बाद वाघेला को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
नवंबर 2019 में एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत गौसेवा बोर्ड के एनिमल हसबैंडरी यूनिट के तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर एसडी पटेल के खिलाफ 10.15 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी देने पर मामला दर्ज किया था। बोर्ड इम्प्रूविंग पॉश्चर लैंड (गौचर) और गोशालाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम करता है। ऐसे कार्यों के लिए पैसा लेने के लिए ग्रामीण पंचायतों और गोशाला मालिकों को बोर्ड के पास आवेदन करना होता है।
एसीबी ने कहा कि बिना चेयरमैन या किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी की मंजूरी के बिना ही पटेल ने 125 आवेदनों को मंजूरी दे दी और 10.15 करोड़ रुपये जारी कर दिए। पटेल अभी निलंबित चल रहे हैं। जांच के दौरान एसीबी को वाघेला की भूमिका का पता चला।
वाघेला ने पटेल की मदद से 1.01 करोड़ रुपये लिए थे। वाघेला ने अपनी कोऑपरेटिव सोसायटी को ठेकेदार कंपनी के तौर पर दिखाया था और दावा किया कि उसने खेड़ा जिले के 10 गांवों में गोचर सुधार कार्य पूरे किए हैं। उसने बोर्ड से उसकी योजना के तहत 1.01 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मांगी।
गुजरात के खेड़ा जिले में एक कोऑपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन को 10 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में गुजरात गोसेवा और गोचर विकास बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य लोग शामिल हैं।
एसीबी ने कहा कि 10 करोड़ रुपये में से 1.01 करोड़ रुपये खेड़ा जिला स्थित कोऑपरेटिव सोसायटी आशापुरा मजूर कामदार सहकारी मंडली लिमिटेड के चेयरमैन नरेंद्र वाघेला ने हड़पे थे। बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले साल 10 करोड़ की रकम को कई कंपनियों को गैरकानूनी ढंग से भुगतान किया था। विस्तृत जांच के बाद वाघेला को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
नवंबर 2019 में एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत गौसेवा बोर्ड के एनिमल हसबैंडरी यूनिट के तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर एसडी पटेल के खिलाफ 10.15 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी देने पर मामला दर्ज किया था। बोर्ड इम्प्रूविंग पॉश्चर लैंड (गौचर) और गोशालाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम करता है। ऐसे कार्यों के लिए पैसा लेने के लिए ग्रामीण पंचायतों और गोशाला मालिकों को बोर्ड के पास आवेदन करना होता है।
एसीबी ने कहा कि बिना चेयरमैन या किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी की मंजूरी के बिना ही पटेल ने 125 आवेदनों को मंजूरी दे दी और 10.15 करोड़ रुपये जारी कर दिए। पटेल अभी निलंबित चल रहे हैं। जांच के दौरान एसीबी को वाघेला की भूमिका का पता चला।
वाघेला ने पटेल की मदद से 1.01 करोड़ रुपये लिए थे। वाघेला ने अपनी कोऑपरेटिव सोसायटी को ठेकेदार कंपनी के तौर पर दिखाया था और दावा किया कि उसने खेड़ा जिले के 10 गांवों में गोचर सुधार कार्य पूरे किए हैं। उसने बोर्ड से उसकी योजना के तहत 1.01 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मांगी।