न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोझिकोड
Updated Sun, 09 Aug 2020 04:25 AM IST
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केरल के कोझिकोड विमान हादसे में जान गंवाने वालों में 29 वर्षीय शर्फुद्दीन भी थे जो घर लौटने को लेकर बेहद रोमांचित थे। विमान में पत्नी अमीना और दो वर्षीय बेटी फातिमा के साथ सवार होने के बाद उन्होंने फेसबुक पर घर पहुंचने की खुशी में पोस्ट भी डाली थी। दुबई में सेल्समैन का काम करने वाले शर्फुद्दीन ने मैसेज किया था कि हम पांच घंटे में अपने घर पहुंच जाएंगे।
हालांकि, उनकी यह खुशी अधूरी रह गई। एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान फिसलकर रनवे से दूर जा गिरा और दो टुकड़ों में बंट गया। हादसे में शर्फुद्दीन की मौत हो गई, वहीं, उनकी बेटी फातिमा के सिर में चोट आई है। नतीजतन फातिमा के सिर की कालीकट मेडिकल कॉलेज में सर्जरी करनी पड़ी और जमे हुए खून को बाहर निकालना पड़ा।
डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी हालत स्थिर है। वहीं, शर्फुद्दीन की पत्नी अमीना के हाथों और पैरों में गहरे घाव हो गए हैं और उनका भी मालाबार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन थियेटर ले जाते वक्त अमीना लगातार शर्फुद्दीन के बारे में पूछ रही थीं, मगर उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया।
जान पर बन आई तो लोग अपने करीबियों को करने लगे फोन
विमान में सवार 46 वर्षीय जयामोल जोसेफने दुबई में अपने पारिवारिक मित्र सादिक मोहम्मद को बताया कि विमान लैंड करने के बाद भी नहीं रुका और फिर से जमीन से थोड़ा ऊपर उठ गया तो विमान के भीतर अफरा-तफरी मच गई। फिर से उड़ान भरने से पहले विमान के पहिए तकरीबन जमीन को छू चुके थे।
ऐसा महसूस हुआ कि विमान घाटी में गिर चुका है। ज्यादातर यात्रियों को मालूम हो चुका था कि विमान के साथ कुछ अनहोनी हो गई है। हादसा होने के बाद सभी यात्री अपने करीबियों, रिश्तेदारों और दोस्तों को फोन करने लग गए। जोसेफ को बीते मार्च में ही केरल लौटना था, मगर हवाई सफर पर पाबंदी के चलते उन्हें कई महीने तक वहीं रहना पड़ा। जोसेफ ने सादिक को बताया, किस्मत अच्छी थी कि विमान में मैं 31वीं कतार में थी। नाक पर थोड़ी चोट आई है, मगर खतरे की बात नहीं है।
किस्मत अच्छी थी कि विमान में ही नहीं चढ़ पाए
वहीं, विमान के एक और यात्री अफजल पारा की किस्मत अच्छी थी। उसका भी नाम इस विमान यात्रियों की सूची में था, मगर पैसों के अभाव में वे विमान पर सवार नहीं हो पाए। उसके चचेरे भाई शामिल मोहम्मद के मुताबिक, अफजल के पास एयरपोर्ट तक पहुंचने के पैसे नहीं थे। उसका वीजा भी रद्द हो गया था क्योंकि उसने 500 दिरहम का जुर्माना नहीं भरा था। उसके पास पांच महीने से न तो कोई काम था और न ही जेब में पैसे।
केरल के कोझिकोड विमान हादसे में जान गंवाने वालों में 29 वर्षीय शर्फुद्दीन भी थे जो घर लौटने को लेकर बेहद रोमांचित थे। विमान में पत्नी अमीना और दो वर्षीय बेटी फातिमा के साथ सवार होने के बाद उन्होंने फेसबुक पर घर पहुंचने की खुशी में पोस्ट भी डाली थी। दुबई में सेल्समैन का काम करने वाले शर्फुद्दीन ने मैसेज किया था कि हम पांच घंटे में अपने घर पहुंच जाएंगे।
हालांकि, उनकी यह खुशी अधूरी रह गई। एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान फिसलकर रनवे से दूर जा गिरा और दो टुकड़ों में बंट गया। हादसे में शर्फुद्दीन की मौत हो गई, वहीं, उनकी बेटी फातिमा के सिर में चोट आई है। नतीजतन फातिमा के सिर की कालीकट मेडिकल कॉलेज में सर्जरी करनी पड़ी और जमे हुए खून को बाहर निकालना पड़ा।
डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी हालत स्थिर है। वहीं, शर्फुद्दीन की पत्नी अमीना के हाथों और पैरों में गहरे घाव हो गए हैं और उनका भी मालाबार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन थियेटर ले जाते वक्त अमीना लगातार शर्फुद्दीन के बारे में पूछ रही थीं, मगर उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया।
जान पर बन आई तो लोग अपने करीबियों को करने लगे फोन
विमान में सवार 46 वर्षीय जयामोल जोसेफने दुबई में अपने पारिवारिक मित्र सादिक मोहम्मद को बताया कि विमान लैंड करने के बाद भी नहीं रुका और फिर से जमीन से थोड़ा ऊपर उठ गया तो विमान के भीतर अफरा-तफरी मच गई। फिर से उड़ान भरने से पहले विमान के पहिए तकरीबन जमीन को छू चुके थे।
ऐसा महसूस हुआ कि विमान घाटी में गिर चुका है। ज्यादातर यात्रियों को मालूम हो चुका था कि विमान के साथ कुछ अनहोनी हो गई है। हादसा होने के बाद सभी यात्री अपने करीबियों, रिश्तेदारों और दोस्तों को फोन करने लग गए। जोसेफ को बीते मार्च में ही केरल लौटना था, मगर हवाई सफर पर पाबंदी के चलते उन्हें कई महीने तक वहीं रहना पड़ा। जोसेफ ने सादिक को बताया, किस्मत अच्छी थी कि विमान में मैं 31वीं कतार में थी। नाक पर थोड़ी चोट आई है, मगर खतरे की बात नहीं है।
किस्मत अच्छी थी कि विमान में ही नहीं चढ़ पाए
वहीं, विमान के एक और यात्री अफजल पारा की किस्मत अच्छी थी। उसका भी नाम इस विमान यात्रियों की सूची में था, मगर पैसों के अभाव में वे विमान पर सवार नहीं हो पाए। उसके चचेरे भाई शामिल मोहम्मद के मुताबिक, अफजल के पास एयरपोर्ट तक पहुंचने के पैसे नहीं थे। उसका वीजा भी रद्द हो गया था क्योंकि उसने 500 दिरहम का जुर्माना नहीं भरा था। उसके पास पांच महीने से न तो कोई काम था और न ही जेब में पैसे।