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Hindi News ›   Education ›   UGC Expert committee suggested to teach 40 percent course online and 60 percent offline, check exam related details here

यूजीसी: ऑनलाइन पढ़ाया जाए 40 फीसदी पाठ्यक्रम, ऑफलाइन 60 फीसदी, परीक्षाओं पर दिए ये सुझाव

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: वर्तिका तोलानी Updated Sat, 22 May 2021 11:05 AM IST
सार

विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी संस्थानों में आगामी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम व कोर्स को पढ़ाने की तैयारी की जा रही है। जिसके तहत विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों का 60 फीसदी हिस्सा कक्षाओं में और 40 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया गया है।

online class
online class - फोटो : pixabay

विस्तार

शैक्षणिक सत्र 2021 से सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में 40 फीसदी पाठ्यक्रम की पढ़ाई ऑनलाइन होगी। यह सुझाव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने अपने ड्राफ्ट में दिए हैं। दरअसल, विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी संस्थानों में आगामी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम व कोर्स को पढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसी श्रृंखला में यूजीसी ने विशेषज्ञों की समिति तैयार की थी। जिसने पाठ्यक्रमों का 60 फीसदी हिस्सा कक्षाओं में और 40 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया है। 

6 जून तक विश्वविद्यालयों से मांगा सुझाव

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से यूजीसी विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार ड्राफ्ट राज्यों और विश्वविद्यालयों को भेजा गया है। इस ड्राफ्ट रिपोर्ट पर सभी पक्षकारों को 6 जून तक अपने सुझाव भेजने होंगे। इसमें लिखा है कि आयोग की विशेषज्ञ समिति के ड्राफ्ट के मुताबिक,  यह तय किया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों को किसी भी पाठ्यक्रम का 40 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने की मंजूरी दी जाए। जबकि अन्य 60 फीसदी कक्षाओं में पाठ्यक्रम से आधारित होगा। इसके आधार पर दोनों प्रारूपों में परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से ली जा सकती है । नई शिक्षा नीति के तहत तैयार मसौदा संकल्पना के अनुसार, छात्रों के लिए मिश्रित शिक्षा के फायदे हैं। इससे बेहतर ढंग से सीखने के साथ वृहद सूचना प्राप्त करने, बेहतर पठन पाठन परिणाम और संतुष्टि के अलावा दूसरों से भी सीखने का मौका मिलेगा । 

सीसीई पैटर्न को प्रोत्साहित करने की जरूरत

समिति विशेषज्ञ समिति का मानना है कि इससे पठन पाठन के कई स्वरूपों को मान्यता मिलेगी। इससे आमने -सामने बैठकर पढ़ने और डिजिटल माध्यम से शिक्षा ग्रहण करना शामिल है । ड्राफ्ट में लिखा है कि मिश्रित पठन पाठन न केवल ऑनलाइन , बल्कि आमने सामने बैठकर शिक्षा प्राप्ति का मिश्रण है, बल्कि यह दोनों माध्यमों से अर्थपूर्ण गतिविधियों का सुनियोजित समन्वय है । मिश्रित शिक्षा कई महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान केंद्रित करती है। इसमें पठन पाठन का परिणाम, सीखने वाले पर केंद्रित माहौल भी शामिल है । समिति का मानना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मिश्रित शिक्षा की व्यवस्था को शिक्षण-पठन पाठन के नये प्रारूप लागू करने के लिये मूल्यांकन के क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है । विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) को प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है।

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