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National Education Day 2020: History And Significance Of The Day
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National Education Day 2020: पढ़िए, देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के अनमोल वचन
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: ललित फुलारा
Updated Wed, 11 Nov 2020 10:50 AM IST
National Education Day 2020: देशभर में आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 11 नवंबर के दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की याद में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन मौलाना अबुल कलाम आजाद की जंयती होती है। उनका जन्म 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का में हुआ था। उनकी ही बदौलत देश में यूजीसी, आईआईएम और आईआईटी जैसे संस्थानों की नींव रखी गई।
मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 1947 से 1958 तक शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वह समाज सुधारक, स्वतंत्रता सैनानी और कई भाषाओं के विद्वान थे। उनको हिंदी, अरबी, अंग्रेजी, ऊर्दू, पर्शियन और बंगाली भाषा में महारत हासिल थी। उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान के लिए भी याद किया जाता है। देश के पहले शिक्षा मंत्री होने के साथ ही वह कवि और क्रांतिकारी पत्रकार भी थे। उन्होंने भारत के शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
शैक्षणिक संस्थानों में 11 नवंबर 2008 से मनाया जा रहा है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
11 सितंबर 2008 में केंद्र सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी प्रदान कर अधिसूचना जारी की थी कि स्वतंत्रता सेनानी व देश के प्रथम केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। तभी से हर साल 11 नवंबर को देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों सेमिनार, निबंध प्रतियोगिता और कई कार्यक्रम होते हैं। वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से इस साल सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है, जिस वजह से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भी बदले हुए रूप में मनाया जा रहा है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद के अनमोल विचार
-सभी धर्म समान है, हमे सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
-लोकतंत्र का जीवित रहना बहुत जरूरी है। यह देश की ऐसी विशेषता है, जो आधुनिक भारत को दूसरों से अलग बनाती है।
-बहुत सारे लोग पेड़ लगाते हैं, लेकिन उनमें से कुछ को ही उसका फल मिलता है।
-दिल से दी गयी शिक्षा समाज में क्रांति ला सकता है।
-हमें जीवन में कभी हताश नहीं होना चाहिए, निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
-हमें एक पल के लिए भी यह नहीं भूलना चाहिए कि हर व्यक्ति को यह जन्मसिद्ध अधिकार है कि उसे बुनियादी शिक्षा मिले, क्योकि इसके बिना वह पूर्ण रूप से एक नागरिक के अधिकारो का निर्वहन नहीं कर पाता हैं।
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