कंझावला कांड के बाद पुलिस की खराब हुई छवि को पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ठीक करने की कोशिश में जुटे हैं। बाहरी दिल्ली में रात के समय अंजलि को 13 किमी तक घसीटा गया था, लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी थी, जबकि रूट पर पांच पीसीआर और पिकेट लगी हुई थी। ऐसे में दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आदेश दिया है कि पुलिसकर्मी अब रात में 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट पेट्रोलिंग करेंगे। हर पिकेट पर तीन पुलिसकर्मी तैनात होंगे। हर पुलिसकर्मी की अलग-अलग ड्यूटी होगी।
पुलिसकर्मियों की सतर्कता तो चेक करने के लिए नाइट ऑफिसर (जीओ) की ओर से टेस्ट कॉल की जाएंगी। नाइट पेट्रोलिंग की चेकिंग का ब्योरा रजिस्टर में दर्ज करना होगा। पुलिस ने 31 जनवरी को सर्कुलर (नंबर-4) जारी कर आदेश में कहा है कि पुलिसकर्मी नाइट पेट्रोलिंग करेंगे। हर पुलिस स्टेशन में होमगार्ड व पुलिस मित्र की इस दौरान सहायता ली जाएगी। बॉर्डर, स्थायी पिकेट, मोबाइल पेट्रोलिंग व फुट पेट्रोलिंग भी होगी।
वायरलेस सेट, छोटे हथियार व वाहन रजिस्टर नाइट पेट्रोलिंग में तैनात पुलिसकर्मियों को दिए जाएंगे। थाना इलाके में बनी हर एक पिकेट पर तीन पुलिसकर्मी तैनात होंगे। पिकेट पर तैनात एक पुलिसकर्मी के पास लंबी दूरी तक वार करने वाला हथियार होगा। वह सुविधा के हिसाब से अपनी पोजिशन लेकर तैनात रहेगा। पिकेट पर तैनात दूसरा पुलिसकर्मी गुजरने वाले वाहनों की चेकिंग करेगा। तीसरा पुलिसकर्मी चेक किए गए वाहनों का ब्योरा रजिस्टर में दर्ज करेगा।
चेकिंग के दौरान संदिग्ध वाहनों का ब्योरा रजिस्टर में किया जाएगा दर्ज
वाहनों पर नाइट पेट्रोलिंग करने वाले पुलिसकर्मियों के पास बड़े हथियार होंगे और संदिग्ध वाहनों को चेक करेंगे। संदिग्ध वाहनों का ब्योरा रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। पुलिसकर्मियों को रजिस्टर जिला डीसीपी की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। अगर नाइट पेट्रोलिंग व पिकेट पर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को ये रजिस्टर नहीं मिला तो संबंधित स्टाफ, थाने में तैनात इंस्पेक्टर (कानून व्यवस्था) और संंबंधित थानाध्यक्ष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। नाइट जीओ रात को ड्यूटी के दौरान ये सुनिश्चित करेंगे कि एसआई व इंस्पेक्टर पिकेट और नाइट पेट्रोलिंग स्टाफ को चेक कर रहे रहे हैं या नहीं। वह अपने चेकिंग के रिकार्ड को रजिस्टर में दर्ज करेंगे।
चेक करने के लिए टेस्ट कॉल दी जाएंगी
पुलिस आयुक्त ने सख्त आदेश दिए हैं कि रात में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की सतर्कता को चेक करने के लिए नाइट जीओ की ओर से टेस्ट कॉल दी जाएंगी। इसमें एमवीपी स्टाफ, एमरजेंसी अफसर व चेकिंग स्टाफ शामिल है। नाइट पर्यवेक्षक की ओर से ब्लैक रोज व रेड अलर्ट अभियान समय-समय पर चलेगा। सभी नाइट जीओ नाइट चेकिंग रिपोर्ट भरेंगे।