न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 14 Jan 2021 06:40 PM IST
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उन्होंने कहा कि निगम कर्मचारियों की पीड़ा देखकर मुख्यमंत्री के आदेश पर दिल्ली सरकार ने अन्य योजनाओं से निकालकर 938 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। पिछले 14 साल से निगम की सत्ता में भाजपा ने तीनों नगर निगम को पूरी तरह से दिवालिया बना दिया है। यही वजह है कि उत्तरी निगम के बैंक खाते में सिर्फ 12 करोड़ जबकि पूर्वी निगम के पास केवल 99 लाख बचे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि निगम पर दिल्ली सरकार का 6275 करोड़ बकाया है। निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि खुद भाजपा के नेता मानते हैं कि निगम में काफी भ्रष्टाचार है।
दिल्ली नगर निगम को केंद्र से 11500 करोड़ रुपये मिलने चाहिए। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की तकलीफ को देखते हुए पैसे का इंतजाम करने का आदेश दिया है। निगम में भ्रष्टाचार काफी चरम पर है। निगम के लोग पैसा बनाने में लगे हैं। इस कारण निगम दिवालिया हो गया है।
गौरतलब है कि बकाया वेतन व पेंशन की मांग को लेकर पिछले आठ दिनों से तीनों नगर निगम के कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से दिल्ली की सफाई व्यवस्था से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा रही है।